मेरा देश बदल रहा है… जिसमें ड्राइवर लेस ट्रेन दौड़ने के लिए तैयार है। इसे प्रधानमंत्री झंडी दिखाएंगे और देश पूर्णरूप से ऑटोमेटिक ट्रेन ट्रैक पर दूरियां तय करने लग जाएगी। यह देश की पहली ड्राइवर लेस मेट्रो ट्रेन है।
2020 जाते-जाते तकनीकी की एक भेंट सौंपता जा रहा है। 28 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन पर चालक रहित मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। 37 किलोमीटर की यह लाइन दिल्ली के जनक पुरी को नोयडा के बोटानिकल पार्क से जोड़ती है। दिल्ली मेट्रो के इस कोच में 380 यात्री सफर करेंगे।
इसमें छह कोच होंगे। इसकी अधिकतम गति 85 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
तीन वर्षों से चल रहा था परीक्षण
सितंबर 2017 से दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन चालक रहित ट्रेन का परीक्षण कर रही है। पहला परीक्षण 20 किलोमीटर की दूरी तक चलनेवाली मेट्रो ट्रेन पर किया गया था। इस ट्रेन में चालक नहीं होता। मेट्रो पूरी तरह ऑटोमेटेड तकनीकी पर आधारित होती है। जिसे कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) से नियंत्रित किया जाता है।
ये थी विश्व की पहली चालक रहित मेट्रो
विश्व में अब कई देशों में मेट्रो ट्रेनों का जाल बिछ चुका है। भारत में दिल्ली मेट्रो ने अपने कॉमर्शियल ऑपरेशन की शुरुआत 25 दिसंबर 2002 को की थी। जबकि विश्व में पहली चालक रहित मेट्रो ट्रेन जापान के कोबे से 5 फरवरी 1981 को चली थी। यानी करीब 39 साल बाद भारत में चालक रहित मेट्रो की शुरुआत होने जा रही है।
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