पीएम मोदी ने की भारतीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान की संकल्पना – शाह

पूरी दुनिया ने डॉक्टर, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट के एक्स्पर्ट्स जैसे प्रोफेशनल्स बनाने का विचार किया लेकिन मोदी जी ने प्रोफेशनल बनाने वाले शिक्षक को अच्छे तरीके से पढ़ा कर एक समर्पित गुरु बनाने का सोचा और IITE की शुरुआत की गयी। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बनी नई शिक्षा नीति में हजारों वर्षों से संचित ज्ञान के भंडार के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा के नए आयामों को भी समाहित किया गया है।

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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को गांधीनगर,गुजरात में भारतीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान(IITE) के छठे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित करते कहा कि शिक्षकों की शिक्षा यूनिवर्सिटी बनाने का विचार केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही आ सकता है। प्रधानमंत्री ने ही भारतीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान की कल्पना की, उन्होंने न केवल IITE बल्कि रक्षा यूनिवर्सिटी, फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, योग यूनिवर्सिटी और चाइल्ड यूनिवर्सिटी की कल्पना भी की है।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने डॉक्टर, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट के एक्स्पर्ट्स जैसे प्रोफेशनल्स बनाने का विचार किया लेकिन मोदी जी ने प्रोफेशनल बनाने वाले शिक्षक को अच्छे तरीके से पढ़ा कर एक समर्पित गुरु बनाने का सोचा और IITE की शुरुआत की गयी। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बनी नई शिक्षा नीति में हजारों वर्षों से संचित ज्ञान के भंडार के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा के नए आयामों को भी समाहित किया गया है। उन्होंने कहा कि यहां से दीक्षित हो रहे छात्रगणों का दायित्व है कि जब वे शिक्षा के क्षेत्र में आगे जा रहे हैं तो जरूर नई शिक्षा नीति का अध्ययन करे।

चाइल्ड यूनिवर्सिटी की संकल्पना
मंत्री ने कहा कि गुजरात में आज विश्व की सबसे पहली फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी है और 134 देश कीयूनिवर्सिटी इस यूनिवर्सिटी से जुड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आज ये फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी विश्व में सबसे बड़ा भारतीय गहना बनकर उभरी हैं और इस तरह की यूनिवर्सिटी का कंसेप्ट विश्व के कई देश स्वीकार कर रहे हैं। शाह ने कहा कि चाइल्ड यूनिवर्सिटी की संकल्पना को समझने में विश्व को 15- 20 वर्ष लगेंगे, जबकि इसकी शुरुआत मोदी गुजरात में 15 साल पहले ही कर चुके हैं।

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