पीएफआई का पत्रकार छूटा, लगे हैं ऐसे संगीन आरोप

पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया प्रतिबंधित संगठन है, जिस पर देश में बम धमाके, सामाजिक द्वेष निर्मित करने और इस्लामी देश निर्माण के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप था। उसकी गतिविधियों के कारण केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया है। सिद्दीक कप्पन पर आरोप है कि वह पीएफआई के लिए कार्य करता था।

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प्रतिबंधित पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पत्रकार सिद्दिक कप्पन जेल से बार आ गया। वह लगभग 28 महीने जेल में रहा, जिसके बाद न्यायालय ने उसे जमानत दे दी। कप्पन पर यूएपीए और पीएमएलए के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हैं।

सिद्दीक कप्पन को 5 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस पर देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने समेत विभिन्न आरोप लगे थे। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने उस पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंडरिंग एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया था। इन प्रकरणों के कारण वह पिछले 28 महीनों से जेल में था। उसे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेन्शन एक्ट -अमेंडेड) कानून के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया था।

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उसके साथ तीन अन्य लोग भी थे। इस प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय से सिद्दीक कप्पन को 9 सितंबर 2022 को जमानत मिल गई थी। जबकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पीएमएलए कानून के अंतर्गत की गई कार्रवाई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से 23 दिसंबर 2022 को जमानत दी गई थी।

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