कोरोना के कारण उत्तर भारतीय लौट रहे हैं गांव! जानिये, दावे में कितना दम

ट्रेन में यात्रियों की भीड़ को लेकर कांग्रेस पार्टी के पूर्व मुंबई अध्यक्ष संजय निरुपम ने दावा किया कि ये मुंबई में कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण अपने गांव जा रहे हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।

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पिछले कुछ दिनों से मुंबई के प्रमुख स्टेशनों पर उत्तर भारत और पूर्वोत्तर राज्यों की ट्रेनों में काफी भीड़ देखी जा रही है। ऐसा ही दृश्य कुर्ला के लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर 8 अप्रैल को भी देखने को मिला। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि ट्रेन में क्षमता से कई गुना यात्री यात्रा कर रहे हैं। यह ट्रेन एलटीटी, कुर्ला से रवाना होकर यूपी के गोरखपुर जानेवाली थी। ट्रेन में यात्रियों की भीड़ को लेकर कांग्रेस पार्टी के पूर्व मुंबई अध्यक्ष संजय निरुपम ने दावा किया कि ये मुंबई में कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण अपने गांव जा रहे हैं।

सच्चाई ये है
हिंदुस्थान पोस्ट ने इस बारे में सच्चाई जानने की कोशिश की। इसके लिए हमने रेलवे बोर्ड के सदस्य और रेल यात्री परिषद के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता से बात की। गुप्ता ने इस बात का खंडन किया कि उत्तर भारतीय लोग कोरोना की वजह से अपने गांव भाग रहे हैं और इस वजह से ट्रेनों में इतनी भीड़ है।

अप्रैल-मई में हर वर्ष होती है भीड़
सुभाष गुप्ता ने हिंदुस्थान पोस्ट से बात करते हुए कहा कि हर वर्ष अप्रैल-मई के महीने में यूपी-बिहार के लोग बड़ी संख्या में अपने गांव जाते हैं। अगर इन दो महीनों में रेलवे इन राज्यों के लिए सौ अतिरिक्त ट्रेनें चला दे तो वे भी कम पड़ जाएंगी। गुप्ता ने कहा कि कोरोना की वजह से गांव जाने वाले लोगों की संख्या एक-दो प्रतिशत हो सकती है, लेकिन ज्यादातर लोग दूसरे कारणों से अपने गांव जा रहे हैं।

ये हैं चार कारण
गुप्ता ने बताया कि अप्रैल-मई में यूपी-बिहार के लोगों को गांव जाने के चार कारण हैं। पहला तो इस महीने में उनके गांव में फसलों की कटाई और खेती का काम बढ़ जाता है। दूसरा शादियां, तीसरा बच्चों के स्कूल में छुट्टियां और चौथा कोरोना के कारण काम बंद होना। उन्होंने कहा कि ऐसा कहना कि ये केवल कोरोना के कारण अपने गांव लौट रहे हैं, गलत है।

लॉकडाउन की आशंका नहीं
सुभाष गुप्ता ने कहा कि 2020 के अप्रैल जैसा देश का माहौल इस वर्ष के अप्रैल में नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा है कि देश में लॉकडाउन लागू नहीं किया जाएगा। गु्ता ने कहा कि ऐसे वक्त में पार्टियों को राजनीति नहीं करनी चाहिए और सच्चाई को समझना चाहिए। वे गलत तरह से उत्तर भारतीय मजदूरों की तस्वीर पेश कर अपना राजनैतिक स्वार्थ पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने खुद लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर जाकर देखा है कि उत्तर भारतीय कोरोना की वजह से नहीं, दूसरे कारणों से अपने गांव जा रहे हैं।

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