जानिये, क्या है पीएफआई का मिशन 2047, छापेमारी में हुए खुलासे के बाद मचा है हड़कंप!

खुफिया एजेंसियों से मिली गुप्त सूचना के आधार पर पटना के फुलवारीशरीफ क्षेत्र के नया टोला में स्थित पीएफआई कार्यालय में छापेमारी की गई।

140

पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के एक बड़े षड्यंत्र का खुलासा हुआ है। बिहार के पटना में इस विवादित संगठन के नाम पर मुस्लिम युवकों को आतंकी बनाए जाने का खुलासा हुआ है। यहां आतंकी ट्रेनिंग सेंटर चलाए जाने का खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया है। यहां से पुलिस की छापेमारी में दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से विवादास्पद दस्तावेज भी बरामद किए जाने की जानकारी मिली है।

बरामद दस्तावेजों से पीएफआई के बड़े षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएफआई 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र रच रहा है। इसके लिए पटना में मुस्लिम युवकों को हथियार चलाने, धार्मिक जहर फैलाने और हिंसा भड़काने की ट्रेनिंग दी जा रही थी।

गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी
पटना पुलिस ने बताया कि खुफिया एजेंसियों से मिली गुप्त सूचना के आधार पर पटना के फुलवारीशरीफ क्षेत्र के नया टोला में स्थित पीएफआई कार्यालय में 11 जुलाई को छापेमारी की गई। इसमें वहां कई दस्तावेजों के साथ ही आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद की गई हैं। उनसे पता चलता है कि वे अगले 25 वर्ष में भारत को इस्लामिक देश बनाने का षड्यंत्र कर रहे हैं।

कौन हैं गिरफ्तार दो आरोपी?
घटनास्थल से गिरफ्तार दो आरोपियों में मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज शामिल हैं। जलालुद्दीन पड़ोसी राज्य झारखंड में दारोगा के पद पर काम कर चुका है। वह हाल ही सेवानिवृत्त हुआ है। दूसरा आरोपी अतहर परवेज प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का सक्रिय सदस्य रह चुका है। उसका एक भाई बम विस्फोट मामले में जेल की हवा खा चुका है। अतहर भी एक मामले में जमानत पर चल रहा है।

कैसे बना पीएफआई?
आतंकी संगठन सिमी पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन का गठन किया गया था। लेकिन 2013 में आतंकी यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद इस संगठन की कमर टूट गई। मिली जानकारी के अनुसार इस संगठन के कमजोर होने के बाद कट्टरपंथी देश के कई राज्यों में पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि केरल की दो और कर्नाटक की एक संस्था को मिलाकर पीएफआई का गठन किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में कई सांप्रदायिक हिंसक घटनाओं में पीएफआई का नाम आ चुका है। हालांकि अभी तक देश में इस संगठन को प्रतिबंधित नहीं किया गया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.