पार्थ और अर्पिता को ईडी या न्यायिक हिरासत? न्यायालय सुनाएगा फैसला

ईडी पार्थ और अर्पिता की हिरासत की मांग कर सकता है। ईडी का तर्क है कि दोनों के पास से बरामद गैरकानूनी रुपये, सामान, मुखौटा कंपनियों के दस्तावेज आदि के बारे में जानकारी हासिल करनी जरूरी है

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शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार बड़े नेता पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 5 अगस्त फिर बैंकशाल न्यायालय में पेश किया जाएगा। 4 अगस्त को न्यायालय ने उन्हें दो दिन की ईडी की हिरासत में भेजा था। हिरासत की मियाद 5 अगस्त पूरी हो रही है। दोनों की जमानत अर्जी पर भी सुनवाई होनी है।

ईडी फिर दोनों की हिरासत की मांग कर सकता है। ईडी का तर्क है कि दोनों के पास से बरामद गैरकानूनी रुपये, सामान, मुखौटा कंपनियों के दस्तावेज आदि के बारे में जानकारी हासिल करनी जरूरी है और इसके लिए दोनों का हिरासत में पूछताछ भी जरूरी है। अभी भी इनके पास नगदी और कई अन्य गैरकानूनी चीजों की मौजूदगी है, जिसके लिए इनसे आमने सामने पूछताछ करनी होगी। अगर इन्हें जमानत मिलती है तो साक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं।

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आरोपितों के अधिवक्ताओं का क्या कहना है?
दोनों आरोपितों के अधिवक्ताओं का कहना है कि दोनों घर से कहीं नहीं भागने वाले हैं और पूछताछ में हर तरह से सहयोग करेंगे इसलिए हिरासत की जरूरत नहीं है।

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