Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में 22 अप्रैल के हुए आतंकी हमले ने देश को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है। हमले में छुट्टियां मानाने गए पर्यटकों को निशाना बनाया गया है, जिसमें कई 26 लोग हुतात्मा (26 people martyred) हुए और कई घायल बताए जा रहे हैं। इस बर्बर घटना के बाद सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा है।
एक्स (ट्विटर), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक नारा तेजी से वायरल हो रहा है: “मोदी जी बहुत हो गई ‘मन’ की बात, अब करिए सीधे ‘गन’ की बात”। यह नारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ पर सीधा सवाल उठाता है और आतंकवाद के खिलाफ कठोर सैन्य कार्रवाई की मांग करता है।
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सोशल मीडिया पर बढ़ता आक्रोश
ट्विटर पर #GunKiBaatNow और #PahalgamAttack ट्रेंड करने लगे हैं। कई यूज़र्स ने सीधे प्रधानमंत्री को टैग कर सख़्त जवाब की मांग की। एक यूज़र ने लिखा, “हर बार हम मोमबत्तियाँ जलाते हैं, शोक मनाते हैं… अब वक्त है कि दुश्मन को वही भाषा में जवाब दिया जाए जो वो समझता है।” वहीं कुछ अन्य यूज़र्स ने सरकार की नरम रुख (soft approach) पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब शब्दों से नहीं, बारूद से जवाब देने की ज़रूरत है।
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सरकार की प्रतिक्रिया
अब तक सरकार की तरफ से आधिकारिक बयान आया है जिसमें हमले की निंदा की गई है और हुतात्माओं को श्रद्धांजलि दी गई है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा”, और एनआईए की एक टीम को जांच के लिए भेजा गया है। हालांकि, आमजन की अपेक्षा इससे कहीं ज्यादा है — फौजी कार्रवाई, कड़ा बदला और आतंक के खिलाफ खुला मोर्चा। वहीं 24 अप्रैल को बिहार में पंचायती राज के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की, “… आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है।”
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सवाल उठाता राष्ट्र
इस हमले ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा, कश्मीर नीति और पाकिस्तान से निपटने की रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता अब ‘शब्दों की नहीं, हथियारों की नीति’ चाहती है। “मोदी जी, बस अब मन की बात नहीं, बंदूक की बात कीजिए,” यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि हुतात्माओं के खून का सवाल है, जो देश की ज़बान बन गया है।
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