Operation Sindoor: भारत (India) की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए अंतरराष्ट्रीय राजधानियों की यात्रा करने वाले सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों (All Party Delegation) में से पहला आज संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के लिए रवाना होगा।
शिवसेना (Shivsena) सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे (Shrikanth Eknath Shinde) के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया का भी दौरा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य भारतीय जनता पार्टी के सांसद बांसुरी स्वराज, मनन कुमार मिश्रा, एसएस अहलूवालिया, बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा, आईयूएमएल सांसद ईटी मोहम्मद बशीर और राजदूत सुजान चिनॉय शामिल हैं।
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51 राजनीतिक नेताओं में से 31 सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा हैं, जबकि शेष 20 गैर-एनडीए दलों से हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के पास एक डोजियर है, जिसमें पाकिस्तान (Pakistan) द्वारा दशकों से आतंकवाद को बढ़ावा देने और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पार आतंकवाद से निपटने में नई दिल्ली के नए तौर-तरीकों को उजागर किया गया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री (Vikram Misri) ने मंगलवार को सात प्रतिनिधिमंडलों में से तीन को प्रमुख वार्ता बिंदुओं और वैश्विक आउटरीच योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इसमें शिंदे के नेतृत्व वाला समूह भी शामिल था।
विदेश सचिव द्वारा ब्रीफिंग के बाद शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, “हम स्पष्ट संदेश देंगे कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, लेकिन अगर कोई हम पर हमला करता है, तो हम उसका जवाब देंगे। भारत आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने में व्यस्त है।”
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प्रतिनिधिमंडल 33 देशों के सांसदों, मंत्रियों, सरकारी अधिकारियों और थिंक टैंकों से मिलेंगे और बताएंगे कि किस तरह भारत ने सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए ऑपरेशन सिंदूर में एक नया मानक स्थापित किया है। हम स्पष्ट संदेश देंगे कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, लेकिन अगर कोई हम पर हमला करता है, तो हम उसका जवाब देंगे।
प्रतिनिधिमंडल सांसदों, थिंक टैंकों और भारतीय समुदाय से मुलाकात करेगा। चर्चा मुख्य रूप से पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) और पहले के हमलों पर केंद्रित होगी। प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित प्रमुख आतंकवादी हमलों के बारे में बात करेंगे, कि कैसे इस्लामाबाद ने 2008 के मुंबई हमलों के बाद नई दिल्ली द्वारा तस्वीरें, डीएनए नमूने और कॉल रिकॉर्ड सहित पुख्ता सबूत उपलब्ध कराने के बाद भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।
नेताओं से यह बताने की उम्मीद है कि 9/11 वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमलों और 2005 के लंदन बम विस्फोट सहित सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हमलों का पाकिस्तान से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध था।
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