भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) पर पानी स्ट्राइक (Water Strike) कर दी है। सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) स्थगन के बाद पानी के प्रबंधन और उपयोग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) के आवास पर बैठक में फैसला किया गया कि पाकिस्तान जाने वाले पानी को पूरी तरह से रोका जाएगा। इस बैठक में विदेश मंत्री, जल शक्ति मंत्री और तीनों मंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारी मौजूद थे।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटील (Union Water Resources Minister CR Patil) ने कहा है कि सिंधु जल संधि को लेकर जो निर्णय किया गया है, उसका पालन किया जाएगा। इस फैसले को तीन चरणों में लागू किया जाएगा। तत्काल, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म।
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जल्द दिखेगा असर
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। मसलन पानी रोकने के बाद बांधों की क्षमता बढ़ाई जाएगी, बंदूक की क्षमता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि ज्यादा पानी का संग्रह किया जा सके। बांधों से गाद हटाई जाएगी और बांधों से फ्लैशिंग भी की जाएगी।
सिंधु जल संधि तीन युद्धों और बड़े आतंकवादी हमलों से बची रही
भारत ने इस बार पाकिस्तान का पानी रोकने का निर्णय लेकर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर चोट की है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के रिश्ते में तनाव का लंबा इतिहास है। 1960 में हुए सिंधु जल समझौते के बाद 1965, 1971 और 1999 में कारगिल युद्ध लड़े जा चुके हैं इसके अतिरिक्त भारत पिछले 35 वर्षों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार है। भारत में हमेशा मानवीय आधार पर इस समझौते को जारी रखा 2019 में पुलवामा हमले के बाद जरुर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सिंधु नदी का पानी रोकने की धमकी दी थी। लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी। लेकिन इस बार भारत सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का ऐलान किया है। भारत में पाकिस्तान को इस बारे में औपचारिक पत्र भी जारी कर दिया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है की संधि को निलंबित करने का निर्णय भारत सरकार ने गहन विचार विमर्श के बाद लिया है। (Suspension of Indus Water Treaty)
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