Maharashtra: नो पीयूसी, नो फ्यूल? पढ़िये क्या है खबर

तकनीकी रूप से दोषपूर्ण वाहनों के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक में लगातार गिरावट आ रही है, इसलिए ऐसे वाहनों पर रोक लगाने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार ले सकती है।

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Maharashtra: महाराष्ट्र परिवहन विभाग ने राज्य में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बताया कि राज्य सरकार तकनीकी रूप से दोषपूर्ण और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन उपलब्ध नहीं कराने की नीति पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही “नो पी.यू.सी., नो फ्यूल” का सख्त नियम लागू किया जाएगा।

सरनाईक मंत्रालय में आयोजित मोटर परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। इस बैठक में परिवहन विभाग की संयुक्त सचिव किरण होलकर, परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

फर्जी प्रदूषण प्रमाण-पत्रों के खिलाफ कार्रवाई
सरनाईक ने कहा कि पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहनों के कारण वायु प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। यद्यपि सरकार ने वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र (पी.यू.सी.) अनिवार्य कर दिया है, फिर भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि कई बार यह प्रमाण-पत्र गलत तरीके से या फर्जी रूप में प्राप्त किया जा रहा है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक में गिरावट
तकनीकी रूप से दोषपूर्ण वाहनों के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक में लगातार गिरावट आ रही है, इसलिए ऐसे वाहनों को ईंधन देना बंद करना मजबूरी होगी। जल्द ही क्यूआर कोड आधारित डिजिटल पी.यू.सी. एक प्रणाली लागू की जाएगी और प्रत्येक पेट्रोल पंप पर वाहन का निरीक्षण करने के बाद ही ईंधन की आपूर्ति की जाएगी।

“पर्यावरण को बचाने के लिए कठोर निर्णय लेने की जरूरत ”
सरनाईक ने कहा, “हमारी पीढ़ी को भविष्य की पीढ़ी के बारे में सोचकर पर्यावरण को बचाने के प्रति जागरूक होना चाहिए। स्वच्छ हवा के लिए अभी से उपाय करना जरूरी है। इसलिए कड़े फैसले लेना समय की मांग है।”

नई नीति जल्द होगी लागू
परिवहन विभाग जल्द ही इस नीति के लिए आधिकारिक प्रस्ताव तैयार कर उसे लागू करेगा। माना जा रहा है कि इससे प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में यह नीति उपयोगी होगी।

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राज्य भर के वाहन मालिकों के लिए समय पर और उचित तरीके से प्रदूषण प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक होगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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