क्या कहता है मनसुख हिरेन हत्याकांड का आरोप पत्र?

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एनआईए ने मनसुख हिरेन हत्याकांड में आरोप पत्र दायर कर दिया है। इस प्रकरण में एन्काउंटर स्पेशालिस्ट, पुलिस अधिकारी समेत कई लोग जेल में मेंं। यह प्रकरण उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक लदी एसयूवी खड़ी करने के प्रकरण से संबंधित है।

मुकेश अंबानी के घर के बाहर जो एसयूवी पाई गई थी वह मनसुख हिरेन नामक ठाणे के एक व्यापारी की थी। बाद में इस व्यापारी का शव मुंब्रा की खाड़ी से बरामद हुआ था। इस प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने ले लिया था। अब इस प्रकरण में एनआईए ने आरोप पत्र दायर किया है। ये आरोप पत्र 10 हजार पन्नों का है, जिसमें 10 आरोपियों के नाम दर्ज हैं।

इस सेक्शन में प्रकरण दर्ज
एनआईए के आरोप पत्र में दस आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 120बी, 201, 286, 302, 364, 384, 386, 403, 419, 465, 471, 473 & 506 और आर्म्स ऐक्ट के सेक्शन 3 & 25, एक्सप्लोसिव एक्ट के सेक्शन 4, यूएपीए एक्ट के सेक्शन 16, 18 और 20 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है।

तीन प्रकरण हैं दर्ज

  • 25 फरवरी 2021 को पहला प्रकरण गांवदेवी पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। जिसमें एसयूवी में विस्फोटक लगाकर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ा करने का आरोप है।
  • विक्रोली पुलिस थाने में दूसरा प्रकरण एसयूवी की चोरी का दर्ज किया गया
  • तीसरा मामला एसयूवी में विस्फोटक लगाकर उसे खड़ा करने व एसयूवी की चोरी और मनसुख हिरेन की हत्या से संबंधित है

ऐसा है मामला
उद्योगपति मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया के पास विस्फोट लदी एक एसयूवी पाई गई थी। इस प्रकरण में तत्कालीन सहायक पुलिस निरिक्षक सचिन वाझे को गिरफ्तार किया गया है। इसमें जो सीसीटीवी मिला है उसमें एक व्यक्त पीपीई किट पहनकर दिख रहा है, आरोप है कि वह व्यक्त और कोई नहीं सचिन वाझे ही था। इस प्रकरण जो एसयूवी मिली थी वह मनसुख हिरेन की थी। मनसुख हिरेन का शव मुंब्रा की खाड़ी से बरामद हुआ था।

मनसुख की हत्या का आरोप
मनसुख हिरेन की हत्या का आरोप परिवार ने लगाया था। जिस दिशा में जांच शुरू होने के बाद महाराष्ट्र एटीएस और एनआईए ने सचिन वाझे, प्रदीप शर्मा, सुनील माने, रियाजुद्दीन काझी को गिरफ्तार किया है। यह सभी आरोपी न्यायालयीन हिरासत में हैं। अब तक की जांच में एनआईए का दावा है कि इस प्रकरण में मनसुख हिरेन की हत्या के लिए 45 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी। अब यह राशि कहां से सचिन वाझे को मिली इसकी जांच एनआईए कर रही है।

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