अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद छह करोड़ बैरल कच्चा तेल जारी करने का फैसला किया है। इससे कच्चे तेल की कीमत में अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई उछाल से थोड़ी राहत मिलेगी।
1 मार्च को पेरिस स्थित 31 सदस्यीय एजेंसी की आपातकालीन वर्चुअल बैठक में छह करोड़ बैरल कच्चा तेल जारी करने का फैसला किया है। इस बैठक में अमेरिका की ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रहमहोल्म ने कहा कि अमेरिका अपने सामरिक कच्चे तेल कोष से तीन करोड़ कच्चे तेल की आपूर्ति करेगा, ताकि कच्चे तेल की मार्केट में सप्लाई लाइन बाधित न होने पाए। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने अभी तक कच्चे तेल को प्रतिबंधों से दूर रखा है। इसके अतिरिक्त शेष कच्चे तेल की भरपाई खाड़ी देशों सहित अन्यान्य देशों के सामरिक कोष से होगी।
6 करोड़ बैरल तेल जारी करने पर सहमति
अपने रणनीतिक भंडारों से 6 करोड़ बैरल तेल जारी करने पर सहमति जताई है। उन्होंने तेल बाजार को यह संकेत देने के लिए यह कदम उठाया है कि रूस के यूक्रेन पर हमले से तेल आपूर्ति में कोई कमी नहीं होगी।
आईईए निदेशक मंडल ने लिया यह निर्णय
आईईए ने 1 मार्च को इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिकी ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रानहोल्म की अध्यक्षता में हुई ऊर्जा मंत्रियों की असाधारण बैठक में आईईए निदेशक मंडल ने यह निर्णय लिया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान और कनाडा भी इसमें शामिल हैं। आईईए के सदस्यों के पास 1.5 अरब बैरल तेल का आपातकालीन भंडार है। जारी की जाने वाली मात्रा इस भंडार का चार प्रतिशत यानी 30 दिनों तक करीब 20 लाख बैरल प्रतिदिन है।
स्थिति गंभीर
आईईए के कार्यकारी निदेशक फतीह बिरोल ने कहा, ‘‘ऊर्जा बाजारों में स्थिति बहुत गंभीर है…वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा खतरे में है, यह स्थिति विश्व अर्थव्यवस्था को उस समय जोखिम में डाल रही है, जब वह सुधार के नाजुक दौर में है।’’ ऐसे समय में यह निर्णय लिया गया है कि जब 1 मार्च को अमेरिकी मानक कच्चे तेल का दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के पार गया है। यह 2014 के बाद तेल के मूल्य का उच्च स्तर है।