गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग वाली याचिका क्यों ली वापस? जानने के लिए पढ़ें ये खबर

विश्नोई की याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच के समक्ष लिस्टेड थी। याचिका में बिश्नोई की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई थी।

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 गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका उच्च न्यायालय से वापस ले ली। लॉरेंस की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग करेंगे।

यह याचिका 1 जून जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच के समक्ष लिस्टेड थी। याचिका में बिश्नोई की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई थी। बिश्नोई के वकील ने कहा था कि उन्हें डर है कि पंजाब पुलिस जेल में लॉरेंस का एनकाउंटर कर सकती है।

याचिका में क्या है?
याचिका में कहा गया था कि लॉरेंस बिश्नोई छात्र नेता है और उसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से पंजाब और चंडीगढ़ में कई मामलों में फंसाया गया है। उसे आशंका है कि पंजाब पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है। याचिका में कहा गया है कि लॉरेंस बिश्नोई मकोका के मामले में पिछले एक साल से तिहाड़ जेल में बंद है। उसे पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान या दूसरे राज्य की पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर ले सकती है। उल्लेखनीय है कि 31 मई को लॉरेंस बिश्नोई से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल रिमांड पर लेकर एक मामले में पूछताछ कर रही है।

दूसरे राज्य को न सौंपने की मांग
याचिका में मांग की गई है कि बिश्नोई को दूसरे राज्य में प्रोडक्शन वारंट पर ले जाने से पूर्व न्यायालय को सूचित करने का आदेश जारी किया जाए और उसे किसी दूसरे राज्य की पुलिस को न सौंपा जाए, क्योंकि दूसरे राज्य की पुलिस को सौंपने से मकोका की धारा 3 और 4 का उल्लंघन होगा। याचिका में पटियाला हाउस कोर्ट के उस आदेश को भी उद्धृत किया गया है, जिसमें 30 नवंबर, 2021 को कहा गया था कि बिश्नोई को दूसरे राज्य में नहीं ले जाया जा सकता है। इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोप लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर लगा है

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