राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) ने उल्लू ऐप (Ullu App) के नवीनतम वेब शो ‘हाउस अरेस्ट’ (House Arrest) से बेहद परेशान करने वाली मीडिया रिपोर्टों और वायरल वीडियो सामग्री का स्वत: संज्ञान लिया है। मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए एनसीडब्ल्यू ने उल्लू ऐप के सीईओ विभु अग्रवाल (CEO Vibhu Agrawal) और एजाज खान (Ejaz Khan) को नौ मई को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस (Notice) जारी किया है।
आयोग ने शुक्रवार को बताया कि 29 अप्रैल को शो का एक छोटा क्लिप वायरल हुआ है, जिसमें होस्ट एजाज खान महिला प्रतिभागियों को कैमरे पर निजी, अंतरंग स्थितियों को निभाने के लिए मजबूर करते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनकी असुविधा और साफ तौर पर इनकार के बावजूद भी वे ऐसा करते दिखाई दे रहे थे। कथित तौर पर प्रतियोगियों को आगे कपड़े उतारने और स्क्रीन पर अश्लील हरकतें करने के लिए कहा गया था। इस तरह की अश्लील सामग्री न केवल महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन करती है, बल्कि ऑनलाइन मनोरंजन के लिए एक अत्यंत प्रतिगामी और हानिकारक मिसाल भी स्थापित करती है।
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आयोग का मानना है कि इन कृत्यों की प्रकृति यदि सत्य पाई जाती है तो भारतीय न्याय संहिता-2023 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 के तहत गंभीर दंडात्मक प्रावधानों के तहत अपराध है। आयोग ने बताया कि पहले भी कंटेंट क्रिएटर रणवीर अल्लाहबादिया से जुड़े मामले में कड़ा रुख अपनाया था। इस बात पर जोर दिया था कि मीडिया हस्तियों को ऐसी सामग्री के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए जो महिलाओं की गरिमा को कम करती है।
आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि कोई भी मीडिया सामग्री जो महिलाओं के प्रति द्वेष को बढ़ावा देती है, महिलाओं को समझौता करने की स्थिति में मजबूर करती है या नैतिक सीमाओं की अवहेलना करती है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एनसीडब्ल्यू सभी मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म से सामाजिक जिम्मेदारी निभाने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता है कि उनकी सामग्री कानून, शालीनता और महिलाओं के सम्मान के अनुरूप हो।
आयोग सतर्क रहेगा और जहां भी सामग्री निर्माण या डिजिटल मनोरंजन के नाम पर महिलाओं की गरिमा से समझौता किया जाता है, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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