एनसीबी वाले समीर वानखेडे तो गए… ये बना कारण

समीर वानखेडे ने एनसीबी में रहते हुए कई बड़ी कार्रवाइयां की। मुंबई में उनके कार्यकाल की अंतिम कार्रवाई थी गोवा में मादक पदार्थों की बरामदगी।

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मुंबई में मादक पदार्थों के विरुद्ध कार्रवाई की श्रृंखला चलानेवाले एनसीबी अधिकारी को अंतत: जाना पड़ा है। उन पर लंबे काल से राज्य सरकार के मंत्री नवाब मलिक द्वारा आरोप किये जा रहे थे। इस कड़ी में वानखेड़े के परिवार पर भी कई आरोप लगे थे, जिसके बाद प्रकरण न्यायालय में भी पहुंचा था। इन सबके बीच अब समीर वानखेडे को एनसीबी से जाना पड़ गया है।

नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो के विभागीय संचालक समीर वानखेडे को सेवा बढ़ोतरी नहीं मिल पाई। अब तक की सूचना के अनुसार इसके कारण वानखेडे का डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेन्स में स्थानांतरण हो गया है। वानखेडे का 31 दिसंबर, 2021 को अंतिम दिन था, उनका कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका था, परंतु सरकार की ओर से उन्हें 6 महीने की बढ़ोतरी मिल गई थी।

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ऐसे फंसे विवादों में
समीर वानखेडे ने एनसीबी मुंबई के विभागीय संचालक के रूप में कार्य करते हुए सुशांत सिंह राजपूत की मौत के प्रकरण में मादक पदार्थों के उपयोग की जांच शुरू की। यहां जांच धीरे-धीरे बॉलीवुड में नशे के सेवन तक जा पहुंची। जिसमें जांच के घेरे में दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान, रकुल प्रीत सिंह जैसे चर्चित चेहरे भी आ गए। मुंबई और उसके आसपास मादक पदार्थों के निर्माता और विक्रेता दोनों पर कार्रवाई हुई।

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान को भी समीर वानखेडे ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज ड्रग वाले प्रकरण में गिरफ्तार किया। इसके बाद समीर खान पर आरोपों की झड़ी लग गई।

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