तस्करी के पैसों से ऐसे फैला रहे थे आतंक… जानें पूरी कहानी

चिंकू पठान की एक डायरी एनसीबी के हाथ लगी है। उस डायरी में कई गोपनीय जानकारियों के साथ ही 20-25 ड्रग पेडलर्स के नाम भी लिखे गए हैं। एनसीबी ने दावा किया है कि ड्रग तस्करी से होनेवाली काली कमाई को देशविरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने ड्रग तस्कर चिंकू पठान की गिरफ्तारी के बाद उसके गैंग पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हालांकि गैंग का एक और मुख्य आरोपी आरिफ भुजवाला अभी भी फरार है, लेकिन चिंकू पठान की एक डायरी एनसीबी के हाथ लगी है। उस डायरी में कई गोपनीय जानकारियों के साथ ही 20-25 ड्रग पेडलर्स के नाम भी लिखे गए हैं। एनसीबी ने दावा किया है कि ड्रग तस्करी से होनेवाली काली कमाई को देशविरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

हाईटेक ऑफिस से होती थी ड्रग तस्करी
मिली जानकारी के अनुसार इन्होंने हाई टेक ऑफिस बना रखा था। अंगुली के निशान से ही उसमें प्रवेश किया जा सकता था। दफ्तर में 15-20 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे। चिंकू पठान के लिए कम से 20- 25 ड्रग पेडलर काम करते थे। चिंकू पठान के साथ ही परवेज और जाकिर शेख नामक दो और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ के बाद आरिफ भुजवाला का नाम सामने आया था। आरिफ को पकड़ने के लिए एनसीबी अधिकारी डोंगरी पहुंची थी लेकिन वह फरार होने में सफल हो गया था। एजेंसी ने उसके घर से 2 करोड़ 18 लाख रुपए कैश भी जब्त किए थे। इसके साथ ही उसके घर की चौथी मंजिल पर ड्रग फैक्ट्री भी बनाई गई थी।

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काली कमाई का होता था देशविरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल
एनसीबी के मुताबिक डोंगरी की फैक्ट्री में ड्र्ग बनने के बाद उसे देश के साथ ही दाऊद के भाई अनिस इब्राहिम और कैलाश राजपूत के माध्यम से विदेशों में सप्लाई किया जाता था। उसके बाद उससे होनेवाली कमाई दाऊद इब्राहिम को दी जाती थी। उसके बाद दाऊद उस पैसे का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद बढ़ाने और घुसपैठ कराने में करता था।

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