रूस-यूक्रेन युद्ध में अब परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की अटकलों से चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में नार्थ अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने यूक्रेन को भरोसा दिलाया है कि यदि रूस की ओर से कैमिकल, बायोलाजिकल, रेडियोलाजिकल अथवा न्यूक्लीयर हमला होता है तो वह जवाबी कार्रवाई में पीछे नहीं हटेगा और ऐसे हमलों से निपटने के लिए यूक्रेन की हरसंभव मदद करेगा।
नाटो ने दिलाया विश्वास
23 मार्च को नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो नेता रासायनिक और परमाणु खतरों से निपटने के लिए यूक्रेन को हर संभव मदद करने काे तैयार हैं, क्योंकि वह रूस की हमलावर ताकतों से लड़ रहा है। जेन्स ने उम्मीद जताई कि होने वाली बैठक में सहयोगी साइबर सुरक्षा सहायता के साथ यूक्रेन को रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु खतरों से बचाने में यूक्रेन की मदद करने के लिए अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए सहमत होंगे।
शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे बाइडेन
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 24 मार्च को ब्रसेल्स में होने वाले नाटो के सदस्य देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं। राष्ट्रपति बाइडेन यूरोपीय दौरे के दौरान यूरोपीय देशों के शिखर सम्मेलन के अलावा ग्रुप सेवेन देशों की बैठक को भी सम्बोधित करेंगे।
बाइडेन पर दबाव
राष्ट्रपति बाइडेन पर अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों के एक ग्रुप का यूक्रेन को हरसम्भव अमेरिकी सहयोग के लिए भारी दबाव है। इस ग्रुप में कई सांसदों की ओर से कहा जा रहा है कि अमेरिका को पोलैंड के उन मिग-29 लड़ाकू विमान यूक्रेन को दे दिए जाने पर सहमति दे देनी चाहिए। उनका तर्क है कि इन रूसी लड़ाकू मिग विमानों को चलाने में यूक्रेन के पायलटों का ख़ासा अनुभव है। पेंटगान इस प्रस्ताव को पहले ही ठुकरा चुका है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा और रूसी हमले के जवाब में लड़ाकू विमानों की ज़रूरत पर ज़ोर दे चुका है।