Pakistan Spy Case: नागपुर की सुनीता जांगड़े निकली खतरनाक, जांच में सामने आया पाकिस्तानी कनेक्शन? जानिए क्या है मामला

सुनीता जांगड़े नागपुर की निवासी है और 14 मई को कारगिल के हुंदरमन गांव से नियंत्रण रेखा पार कर आई थी। उसे अब जासूसी के संदेह में नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर (Nagpur) की रहने वाली सुनीता जांगड़े (Sunita Jangde) को पुलिस ने जासूसी (Spying) के संदेह में गिरफ्तार (Arrested) किया है। वह भारतीय सीमा (Indian Border) पार कर पाकिस्तान (Pakistan) चली गई थी। बताया गया है कि सुनीता जांगड़े तीन पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में है। सुनीता सोशल मीडिया के जरिए तीनों के संपर्क में थी। नागपुर पुलिस उसके सभी सोशल मीडिया अकाउंट की गहन जांच कर रही है।

सुनीता इंस्टाग्राम के जरिए तीनों पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में थी। पता चला है कि वह इंस्टाग्राम के जरिए पाकिस्तान में जुल्फिकार, असद और तौफीक से लगातार संपर्क में है। जांच में पता चला है कि वह इन तीनों से मिलने पाकिस्तान गई थी। क्या ये तीनों पाकिस्तानी नागरिक हैं या खुफिया एजेंसियों में काम करने वाले एजेंट हैं? अभी जांच की जा रही है।

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न्यायालय में पेश किया जाएगा
नागपुर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने सुनीता के इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट की भी जांच शुरू कर दी है। नागपुर पुलिस ने सुनीता के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। उसे गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद कोर्ट ने उसे 2 जून तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया। उसे आज फिर कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस जांच के दौरान सुनीता बार-बार अपना बयान बदल रही है। उसने कहा था कि वह नौकरी की तलाश में पीओके गई थी। वह पाकिस्तान के किसी अस्पताल में काम करना चाहती थी। सुनीता का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। लेकिन यह साफ है कि यह फोन फॉर्मेट किया गया है। फोरेंसिक टीम डिलीट किए गए डेटा को खोजने की कोशिश कर रही है।

बेटे को पाकिस्तान में छोड़कर…
सुनीता जांगड़े 4 मई को अपने 13 साल के बेटे के साथ नागपुर से निकली थी। 14 मई को वह नियंत्रण रेखा पर आखिरी गांव हुंदरमन गई थी। वह अपने बेटे को एक होटल में छोड़कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल हो गई थी। नौ दिनों तक उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद 23 मई को पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया।

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