Murshidabad riots: पीड़ित महिलाओं ने राष्ट्रीय महिला आयोग से लगाई मदद की गुहार, आयोग ने उठाया ये कदम

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की अपनी यात्रा के दौरान इन महिलाओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि वे दंगा पीड़ित बहादुर महिलाओं के साथ मजबूती से खड़ा है।

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Murshidabad riots: पश्चिम बंगाल(West Bengal) के मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुए दंगों के पीड़ितों(Riot victims) ने राष्ट्रीय महिला आयोग(National Commission for Women) से न्याय की गुहार(Plea for justice) लगाई है। दंगों में मारे गए हरगोविंदो दास और चंदन दास(Hargovindo Das and Chandan Das were killed) की पत्नी ने इसदर्दनाक घटना को बताते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर को पत्र लिखा। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर घटना पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है। साथ ही इस मामले में पुलिस की भूमिका के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने शिकायत में नामित संबंधित अधिकारियों को 9 मई 2025 को सुबह 11:00 बजे व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपस्थित होने के लिए भी तलब किया है।

राष्ट्रीय महिला आयोग का आरोप
5 मई को आयोग ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पत्र में पीड़ितों ने राज्य सरकार द्वारा किए गए अत्याचार का विवरण दिया। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि राज्य की पुलिस ने उन्हें न्याय देने के बजाय उन्हीं का उत्पीड़न किया। उन्हें सुरक्षा देने के बजाय, एक राजनीतिक कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धमकियां और जबरदस्ती की गई। पत्र में एक भयावह घटना का जिक्र किया गया है, जिसमें कोलकाता में उनके अस्थायी आश्रय पर पुरुष पुलिस अधिकारियों के एक बड़े दल ने हमला किया था, जिन्होंने कथित तौर पर दरवाजे तोड़ दिए, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और उन्हें हिरासत में लेने का प्रयास किया। राज्य की पुलिस ने बिना किसी कानूनी दस्तावेज के, बिना महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के और उनकी गरिमा की परवाह किए बिना उन्हें परेशान किया।

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पीड़ित महिलाओं से की थी मुलाकात
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की अपनी यात्रा के दौरान इन महिलाओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की थी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि वे दंगा पीड़ित बहादुर महिलाओं के साथ मजबूती से खड़ा है, जिन्होंने नुकसान के बावजूद भी न्याय के लिए आवाज उठाई। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी आवाज़ सुनी जाए, उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जाए और न्याय से वंचित न किया जाए।

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