Mumbai local train accident: मुंबई मे 9 जून को हुए दिल दहला देने वाले लोकल हादसे के बाद रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के विशेषज्ञों के साथ एक जरूरी बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य नॉन-एसी लोकल ट्रेनों में ‘ऑटोमैटिक डोर क्लोजिंग’ लागू करने में आने वाली समस्याओं का समाधान खोजना था।
सवाल: क्या दरवाजे बंद होने पर दम घुटेगा? जवाब: नया डिजाइन तीन कदम आगे! नॉन-एसी कोच में हवा का संचार नहीं होने के कारण ऑटोमैटिक दरवाजे लगाने से यात्रियों के दम घुटने की संभावना बनी रहती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कोच के डिजाइन में तत्काल तीन बड़े बदलाव करने का फैसला किया गया – दरवाजों में ‘लौवर’ (वेंटिलेटेड ब्लाइंड) लगाए जाएंगे, जिससे दरवाजे बंद होने पर भी हवा का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित होगा। कोच की छत पर ‘वेंटिलेशन यूनिट’ लगाई जाएंगी, जो बाहर से ताजी हवा लाएगी और गाड़ी के अंदर तापमान और ऑक्सीजन के स्तर को नियंत्रित करेगी।
प्रत्येक कोच में ‘वेस्टिब्यूल’ होंगे, ताकि यात्री आसानी से एक कोच से दूसरे कोच में जा सकें। इससे भीड़ का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
पहली नई ट्रेन कब चलेगी?
इस नए विकसित डिजाइन पर आधारित पहली ट्रेन नवंबर 2025 तक निर्मित की जाएगी। आवश्यक परीक्षण और प्रमाणन प्रक्रिया पूरी करने के बाद, यह जनवरी 2026 से मुंबई की उपनगरीय सेवा में प्रवेश करेगी।
किस योजना के तहत ये बदलाव किए जा रहे हैं?
यह पहल 238 एसी लोकल ट्रेनों के चल रहे उत्पादन से इतर एक स्वतंत्र प्रयास है। इसे मुंबईकरों के लिए सुरक्षित और आधुनिक यात्रा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
सरकार का यह निर्णय समय पर लिया गया है और मुंबईकरों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। मौत के डर के बिना लोकल ट्रेनों में यात्रा करना अब सिर्फ एक सपना नहीं है, बल्कि नीतिगत कार्रवाई की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
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