Mega Demolition Phase-2: अहमदाबाद के चंडोला तालाब के पास अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी है। इस दौरान प्रशासन ने अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किया, जिसमें मस्जिद और दरगाह के साथ छोटे-बड़े मंदिर भी शामिल थे। चंडोला तालाब की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लक्ष्य के साथ यह अभियान चलाया जा रहा है। पहले चरण में 3000 अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए थे। प्रशासन का कहना है कि किसी धर्म या संप्रदाय को नहीं बल्कि जिसने भी अवैध निर्माण किया है, उसे हटाया जा रहा है।
चंडोला तालाब में 9 छोटी-बड़ी मस्जिदें हैं। सिराज नगर स्थित सिराज मस्जिद को सुबह तोड़ा गया। लल्ला बिहारी के फार्म के पास स्थित अली मस्जिद को भी तोड़ा गया है। इसके अलावा देवीपूजक समाज के भी 3 मंदिर शामिल हैं, जिसका डिमोलिशन किया गया है।
मेगा डिमोलिशन फेज-2
उल्लेखनीय है कि 20 मई को सुबह 6:30 बजे से शाम 5 बजे तक अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (एएमसी) ने मशीनरी की मदद से अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जिसमें करीब 35 हिटाची मशीन और 15 जेसीबी मशीनों के उपयोग करते हुए एक ही दिन में चंडोला तालाब में 8500 छोटे-बड़े कच्चे और पक्के मकान तोड़ दिए गए। चंडोला तालाब की 2.5 लाख वर्ग मीटर जगह से अधिकांश अतिक्रमण हटा दिए गए हैं। सुरक्षा के लिए 3 हजार से अधिक पुलिस के जवान स्थल पर डटे रहे। यहां लोगों को घर देने की भी प्रक्रिया के तहत 3800 लोगों को आवास के लिए फॉर्म दिए गए हैं।
एएमसी अधिकारी के अनुसार 20 मई को एक ही दिन में सभी अतिक्रमण हटा लिया जाता लेकिन गर्मी में लगातार मशीनें काम कर रही थी जिसके कारण मशीनें खराब हो गईं और इस वजह से समय व्यर्थ हुआ।
अस्थाई रहने-भोजन-पानी की व्यवस्था
पिछले दो दिनों से एएमसी और पुलिस की ओर से चंडोला तालाब में मेगा डिमोलिशन की प्रक्रिया चल रही है। कई लोगों के घर टूट चुके हैं और उनके पास रहने की कोई व्यवस्था न होने के कारण म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के यूसीडी विभाग ने उन्हें वासणा के शेल्टर होम में स्थानांतरित किया है। एएमसी ने पिछले दो दिनों में कुल 33 लोगों को दो बसों के माध्यम से वासणा के एएमसी के शेल्टर होम में पहुंचा कर उनके रहने की व्यवस्था की है। सभी आश्रित लोगों को भोजन, पानी, कमरे आदि की व्यवस्था प्रदान की गई है। जो भी चंडोला तालाब के बेघर लोग हैं, उन्हें अपना आश्रय पाने के लिए एएमसी की ओर से ईसनपुर बस डिपो पर शेल्टर होम में ले जाने की व्यवस्था की गई है।
विस्थापितों को आवास योजना में घर देगी सरकार
चंडोला तालाब के विस्थापितों को सरकार आवास योजना में घर देगी। इसके तहत 3800 लोगों को आवास के फॉर्म दिए गए हैं। आवास के फॉर्म के साथ प्रभावित लोगों को इकोनॉमिकर वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के मान्य आधिकारिक प्रमाणों में से दो प्रमाण अनिवार्य रूप से शामिल करने होंगे।
SIT report: मुर्शिदाबाद हिंसा पर भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को घेरा, ‘इस’ आतंकी हमले से की तुलना
वैकल्पिक व्यवस्था का लाभ पाने के लिए शर्त
वैकल्पिक व्यवस्था का लाभ पाने के लिए प्रभावित लोगों को दिसंबर 2010 से पहले चंडोला तालाब क्षेत्र में रहने का प्रमाणित दस्तावेज/आवश्यक प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। प्रमाण के साथ उनकी पारिवारिक वार्षिक आय 3 लाख या उससे कम होने का प्रमाणपत्र तथा फॉर्म में उल्लेखित अन्य आवश्यक प्रमाण भी शामिल करने होंगे। फॉर्म के साथ आवश्यक प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद उसकी जांच कर निर्धारित समय सीमा में जरूरी प्रमाणों के आधार पर फॉर्म भरने वाले प्रभावित लोगों की पात्रता निर्धारित की जाएगी और केवल पात्र प्रभावितों को ही इसका लाभ दिया जाएगा। प्रभावितों की पात्रता निर्धारित होने के बाद आवास आवंटित करने से पहले यदि आवश्यक हुआ तो पुलिस सत्यापन भी किया जाएगा। सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही दस्तावेज बनाए जाएंगे और लोगों को मकान आवंटित किया जाएगा। हालांकि मकान प्राप्त करने के लिए लोगों को तीन लाख की पूरी राशि एक साथ जमा करनी होगी।