माली में चार बड़े आतंकी समूह कार्यरत हैं। जिनमें अल-मौराबितून, अंसर अल-डाइन (एएडी), मुवमेंट फॉर यूनिटी एंड जिहाद इन वेस्ट अफ्रीका (मुजाओ) और अल-कायदा इन माघरेब (एक्यूएमआई) शामिल हैं।
1. अल-मौराबितून : इस समूह ने बामको होटल हमले की जिम्मेदारी ली थी। उत्तरी माली में संचालित चार प्रमुख इस्लामी आतंकवादी समूहों में से एक है।
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2. अल-कायदा इन माघरेब (एक्यूएमआई) : अल-कायदा की उत्तरी अफ्रीकी शाखा है, जिसकी जड़ें अल्जीरिया में हैं। ज्यादातर विदेशी लड़कों को लेकर तैयार किया गया है। यह इस्लामी कानून के प्रसार और माली को फ्रांसीसी औपनिवेशिक विरासत से मुक्त करना चाहता है। यह पश्चिम के नागरिकों के अपहरण के लिए जाना जाता है। यह समूह ने दक्षिणी माली, सेनेगल, नाइजर, मॉरिटानिया और अन्य पड़ोसी देशों के गरीब, बेरोजगार युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। एक्यूएमआई का मुख्य नेता अल्जीरियाई अब्देल मालेक ड्रूकडेल है।
3. अंसार अल-डाइन (एएडी) : ये एक इस्लामी आतंकवादी समूह के रूप में शुरू हुआ। यह स्थानीय इफोगास, तुआरेग, बेराबीब अरब और अन्य जातीय समूहों से युक्त एक समूह है, जो नाइजीरिया में बोको हरम को पसंद करता है। यह समूह उत्तरी माली में शरिया कानून को संस्थागत बनाना चाहता है। अंसार डीन का संस्थापक और प्रमुख इयाद अग घाली है। जो 1990 के दशक के पूर्व तुआरेग नेता था। अंसार डाइन लड़ाकों में से अधिकांश इयाद अग घाली इफोगास जनजाति के तुआरेग और टिम्बकटू क्षेत्र के बेराबेची अरब हैं। इसके कई आतंकवादी तुआरेग लड़ाके हैं, जो मुअम्मर गद्दाफी के सैनिकों के साथ लड़ने के बाद लीबिया से लौटे थे।
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4. मूवमेंट फॉर यूनिटी एंड जेहाद इन वेस्ट अफ्रीका (मुजाओ) : ये एक्यूआईएम से अलग हुआ समूह है। इसका उद्देश्य पूरे पश्चिम अफ्रीका में जिहाद फैलाना है। इसने एक्यूआईएम के नेतृत्व के अल्जीरियाई प्रभुत्व पर आपत्ति जताई थी। यह इस्लामी कानून की वकालत करता है और इसमें तुआरेग अलगाववादियों के खिलाफ हिंसा का अभियान छेड़ा हुआ है। यह आरोप लगाया जाता है कि इसके सदस्यों में साहेल क्षेत्र और उत्तरी अफ्रीका के स्थानीय और विदेशी दोनों शामिल हैं।
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