डी कंपनी के इशारे पर काम कर रहा है बॉलीवुड? मेजर( रि.) सरस त्रिपाठी ने बोला ‘पठान’ पर हमला

भारतीय सेना को पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ ही चीन की सीमा पर तो दुश्मनों से ल़ड़ना ही पड़ता है, साथ ही उसे देश के अंदर के दुश्मनों से भी लड़ना पड़ता है।

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हिंदू जनजागृति समिति ने शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म पठान को भ्रामक और देश विरोधी फिल्म बताया है। समिति की ओर से हाल में बॉलीवुड का पाकिस्तान प्रेम- पठान पर ऑनलाइन विशेस संवाद का आयोजन किया था। इस संवाद में दिल्ली के मेजर( सेवानिवृत्त) और लेखक तथा सामाजिक कार्यकर्ता सरस त्रिपाठी ने बॉलीवुड पर डी कंपनी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में चलाए जा रहे हिंदू विरोधी षड्यंत्र को उध्वस्त करना जरूरी है।

मेजर त्रिपाठी ने फिल्म पठान पर देश विरोधी और पाकिस्तानपरस्त होने का आरोप लगाते हुए इसे सच्चाई से परे बताया। मेजर त्रिपाठी ने कहा कि भारत के शोध एवं विश्लेषण शाखा यानी रॉ के अधिकारी को पाक के आईएसआई अधिकारी से मदद लेते दिखाया गया है। ऐसा उदाहरण आजतक देखा-सुना नहीं गया है। फिल्म में भ्रामक प्रचार कर पाकिस्तान की छवि को चमकाने की कोशिश की गई है। इसमें आईएसआई और पठानों को लेकर भ्रामक प्रचार कर लोगों में सहानुभूति निर्माण करने का प्रयास किया जाना भ्रामक है।

देश के अंदर के दुश्मन बेहद खतरनाक
मेजर त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ ही चीन की सीमा पर तो दुश्मनों से ल़ड़ना ही पड़ता है, साथ ही उसे देश के अंदर के दुश्मनों से भी लड़ना पड़ता है। आंतरिक दुश्मनी काफी खतरनाक है। बॉलीवुड पहले से ही हिंदू वरोधी रहा है और हिंदू पुजारियों, साधुसंतों को विलेन के रूप में दिखता रहा है। वे हिंदू की पहचान रखने वाले चरित्रों को खलनायक की तरह पेश करते रहे हैं। ये सब एक षड्यंत्र है और बॉलीवुड डी कंपनी के इशारे पर काम कर रहा है। त्रिपाठी ने कहा कि अगर हमें अपनी संस्कृति को बचाना है और देशविरोधी ताकतों को खत्म करना है तो हमें हिंदू विरोधी षड्यंत्र को समाप्त करना होगा।

पठान को लेकर भ्रामक प्रचार
सनातन संस्था के धर्मप्रचारक अभय वर्तक ने पठान को फ्लॉप शो करार देते हुए कहा कि फिल्म को लेकर झूठे और भ्रामक प्रचार षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है। मीडिया से पता लगता है कि देश के शहरों के सिनेमा हॉल खाली पड़े हैं। लेकिन शाहरुख खान की पीआर एजेंसीज और उनके लोग झूठा प्रचार कर फिल्म को ऐतिहासिक सफल बता रहे हैं। कश्मीर फाइल्स को छोड़कर अधिकांश बॉलीवुड की फिल्मों में पाकिस्तान की अच्छी छवि निर्माण करने का षड्यंत्र रचा गया है। हमें बॉलीवुड के बेशरम रंग को पहचानने की जरुरत है।

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