रायगढ़ के महाड में 22 जुलाई की रात तलई गांव में चट्टान गिरने से 36 लोगों की मौत हो गई है,जबकि 70 लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। ।
कोंकण में भारी बारिश के कारण तबाही मची हुई है। अब दिल दहलाने वाली घटना घटने की खबर है। महाड में चट्टान खिसकने से 30 घर ध्वस्त हो गए हैं। इस दुर्घटना में 36 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 70 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है।
बचाव कार्य में आ रही हैं बाधाएं
महाड में अभी भी भारी बारिश जारी है। इस क्षेत्र में बारिश का पानी जमा होने से गांवों का संपर्क टूट गया है। ऐसे में अब प्रशासन को यहां के ग्रामीणों की मदद लेनी पड़ रही है। हालांकि प्रशासन ने प्रभावित गांव में बचाव व राहत कार्य चलाने के लिए टीम भेजी है, लेकिन वहां तक पहुंचना मुश्किल है।
रायगड के महाड क्षेत्र में 22 जुलाई की रात तलई गांव पर चट्टान गिरने से 30 लोगों की मौत की खबर है,जबकि 30-35 के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। बचाव कार्य सुबह से ही जारी है। #Raigad #MaharashtraRainUpdate pic.twitter.com/6U3wa3buWd
— Hindusthan Post (@HindusthanPostH) July 23, 2021
सड़क पर 10 फीट पानी जमा
रत्नागिरी, रायगढ़ और कोंकण बेल्ट में मूसलाधार बारिश हो रही है। चिपलून समेत कई इलाकों में बारिश का पानी घरों में घुस गया है। सड़क पर 10 फीट तक पानी जमा है। इस स्थिति में कई लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। उन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू टीमें लगाई गई हैं।
पाटण में 12 लोगोंं की मौत
सातारा के पाटण में 22 जुलाई की रात मिट्टी खिसककर गांव के कई घरों पर गिर जाने से 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोगों के अभी मलबे में दबे होने की आशंका है। बचाव व राहत कार्य जारी है। यह दिल दहला देने वाली घटना मिरगांव में घटी है। मृतकों में तीन परिवार के सदस्य शामिल हैं।
सातारा के पाटण में 22 जुलाई की रात मिट्टी खिसककर गांव के कई घरों पर गिर जाने से 12 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोगों के अभी मलबे में दबे होने की आशंका है। बचाव व राहत कार्य जारी है। #satara #MaharashtraRains #HeavyRainFall @kshankar7 pic.twitter.com/bdtxpZzSzl
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पांच-छह जगहों पर भूस्खलन
रायगढ़ जिले में फिर से भारी बारिश हेने की खबर है। 22 जुलाई की रात से महाड और मानगांव तालुका में बारिश हो रही है। यहां की नदियां उफान पर हैं। महाड शहर में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। वर्धा घाट भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है। पांच-छह जगहों पर भूस्खलन के कारण कई यात्री फंसे हुए हैं।
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