इस मामले में पुणेकर सबसे आगे, मुंबईकर सबसे पीछे

महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामलों के आंकड़े जारी किए गए हैं।

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इस साल भी रिश्वतखोरी में पुणेकर आगे हैं। हालांकि इस साल भी मुंबईकर रिश्वतखोरी में सबसे पीछे यानी ईमानदारी में आगे हैं। घूसखोरी में नासिककर दूसरे और औरंगाबादकर तीसरे नंबर पर हैं। घूसखोरी में ठाणेकर मुंबईकरों से एक कदम आगे हैं। 2021 में महाराष्ट्र में घूसखोरी के मामलों की संख्या 773 थी, जिसमें पुणे नंबर वन था। इस साल 4 दिसंबर, 2022 तक राज्य भर में 686 अपराध दर्ज किए गए हैं।

686 अपराध दर्ज 
महाराष्ट्र राज्य भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने 1 जनवरी से 4 दिसंबर, 2022 तक राज्य भर में की गई कार्रवाई के आंकड़े जारी किए हैं। प्रदेश में इस साल भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने 686 मामले दर्ज किए हैं। इनमें 998 आरोपी हैं। राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के पुणे क्षेत्र में सबसे अधिक 146 जाल बिछाए गए और इन जालों में 209 सरकारी कर्मचारी और निजी व्यक्ति फंस गए। साथ ही गबन के 2 मामले दर्ज किए गए, इसमें 4 आरोपी शामिल हैं।

रिश्वतखोरी रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज
नासिक मंडल ने 112 जाल बिछाए और 159 लोग इस जाल में फंसे। उन पर रिश्वतखोरी रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और 14 आरोपियों सहित 4 अन्य भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए हैं। तीसरे नंबर पर औरंगाबाद संभाग है। यहां रिश्वतखोरी के 103 मामले दर्ज हैं, जिनमें 129 अभियुक्त शामिल हैं, अन्य भ्रष्टाचार और अक्षमता के 4 मामले दर्ज हैं, जिनमें 17 अभियुक्त शामिल हैं।

कुल 79 अपराध दर्ज 
मुंबई और ठाणे दो ऐसे शहर हैं, जहां इस साल भी रिश्वतखोरी की घटनाएं कम हैं। मुंबई में सिर्फ 39 जाल बिछाए गए, इस जाल में 55 लोग पकड़े गए और 6 अन्य अपराध दर्ज किए गए। ठाणे में 77 ट्रैप और 2 भ्रष्टाचार के मामलों सहित कुल 79 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।  इनमें 117 अभियुक्त शामिल हैं। वर्ष 2021 में पुणे संभाग द्वारा 165, नासिक द्वारा 129 तथा औरंगाबाद संभाग द्वारा 130 मामले दर्ज किए गए। मुंबई में 46 और ठाणे में 88 अपराध दर्ज किए गए।

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