Maharashtra: महाराष्ट्र के मछुआरे बन गए किसान! जानिए कैसे हुआ ऐसा

नीलेश राणे ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में 22 अप्रैल 2025 को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया। राणे ने मछली पालन उद्योग को कृषि का दर्जा मिलने से कोली समुदाय को मिलने वाले लाभों के बारे में भी जानकारी दी।

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पत्रकारों से बात करते हुए मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री नीलेश राणे (Nilesh Rane) ने बताया कि आज से महाराष्ट्र (Maharashtra) में मछली पकड़ने वाले कोली समुदाय (Koli Community) को किसान (Farmer) माना जाएगा और मछली पकड़ने के व्यवसाय (Business) को कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) का दर्जा मिलेगा।

नीलेश राणे ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में 22 अप्रैल 2025 को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया। राणे ने मछली पालन उद्योग को कृषि का दर्जा मिलने से कोली समुदाय को मिलने वाले लाभों के बारे में भी जानकारी दी। मंत्री राणे ने यह भी स्पष्ट किया कि इस संबंध में सरकार का निर्णय जल्द ही जारी किया जाएगा।

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4.83 लाख मछुआरों को लाभ
महाराष्ट्र के 4 लाख 83 हजार मछुआरों को लाभ मिलेगा और राज्य के मछली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। किसानों को कृषि क्षेत्र के लिए आवश्यक बीज, ट्रैक्टर, टिलर, पभर, औजार, उर्वरक आदि के लिए लाभ मिलता है। इसी प्रकार, मछुआरों को मछली के बीज, भोजन, पैडलव्हील एरेटर और वायु पंप खरीदने के लिए सब्सिडी मिल सकेगी। कोल्ड स्टोरेज और बर्फ कारखानों के लिए सब्सिडी के साथ-साथ किसानों को उपलब्ध फसल बीमा की तरह, मछली किसानों और मछली प्रजनकों को मछली बीज और मछली उत्पादन में होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए मछली बीमा योजना मिलेगी।

रोजगार सृजन
जिस प्रकार सरकार सूखा या भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में कृषि क्षेत्र के किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करती है, उसी प्रकार कोली समुदाय भी मछुआरों के लिए सरकार से राहत पैकेज पाने का पात्र होगा। मत्स्य पालन को कृषि क्षेत्र के रूप में शिक्षित करने से तटीय और अंतर्देशीय क्षेत्रों का आर्थिक विकास हो सकता है। साथ ही, रोजगार सृजन की भी संभावना है, जिससे आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

कृषि दरों पर बिजली
कृषि कृषक बनने पर न केवल मछुआरों को बिजली शुल्क पर सब्सिडी मिलेगी, बल्कि मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा मिलने से मत्स्य पालकों, मत्स्य संरक्षण परियोजनाओं, संबंधित कारखानों और प्रसंस्करण इकाइयों को कृषि दरों पर बिजली मिलेगी। मछुआरे, मत्स्यपालक एवं मत्स्यपालक अनेक बुनियादी सुविधाओं एवं लाभों से वंचित थे। राणे ने कहा कि अब राज्य में मछली पालन को कृषि का दर्जा देकर तथा मछुआरों, मत्स्य पालकों और मत्स्य पालकों को अनेक बुनियादी सुविधाएं और रियायतें देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।

मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि दरों पर बैंकों से ऋण सुविधा आदि का लाभ मिलेगा तथा कृषि के अनुसार कम दरों पर बीमा कवरेज भी मिलेगा।

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