अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने लव जिहाद की की शिकार युवती को छुटकारा दिलाने में सफलता हासिल की है। फिलहाल युवती उनके सहयोग से अपने घर नागपुर लौट आई है।
इस संबंध में अहिप के प्रदेश महामंत्री किशोर दिकोंडवार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मेरठ से नागपुर आया साबिर पीओपी के पद पर कार्यरत था। उस समय प्रीति (बदला हुआ नाम) बारहवीं कक्षा में पढ़ती थी। वह साबिर से रूखसाना पठान नाम की एक सहेली के माध्यम से परिचित हुई।
फिर शुरू कर दिया प्यार का खेल
उसके बाद साबिर ने प्रीति से प्यार का ड्रामा करना शुरू कर दिया। साबिर ने नागपुर से जाने के बाद प्रीति को मेरठ बुलाया और अपनी मां से मुलाकात कराई। उसकी मां ने साबिर और प्रीति की शादी की बात कही। उसके बाद प्रीति का धर्मांतरण कराकर उसका नाम आफिया कर दिया गया। धर्म परिवर्तन के लिए साबिर उसे नोएडा की मस्जिद में ले गया। उसके बाद वे फिर मेरठ लौट आए।
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प्रीति ने माता-पिता को फोन कर बताई पूरी कहानी
करीब पांच महीने पहले शुरू हुए इस लव जिहाद के खेल का सच जल्द ही सामने आने लगा। उसके बाद पीड़िता ने नागपुर में अपने माता-पिता को फोन कर पूरी कहानी बताई और इस जीवन से छुटकारा दिलाने की गुहार लगाई। बेटी की परेशानियों को सुनकर उसके माता-पिता का दिल रो पड़ा और उन्होंने अहिप तथा बजरंग दल से मदद की गुहार लगाई।
इस तरह मिला छुटकारा
अहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मेरठ पहुंचकर लड़की को साबिर के चंगुल से मुक्त कराकर वहां से बाहर निकाला। उसके बाद 25 दिसंबर को उसे नागपुर लाया गया। फिलहाल उसकी हिंदू धर्म में वापसी करा दी गई है। प्रीति और उसके माता-पिता ने इस सहयोग के लिए अहिप और बजरंग दल के पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। प्रीति को साबिर और उसके परिवार की प्रताड़ना से बचाने में जिन पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनमें किशोर डिकोंडवार के साथ विलास पुनेकर, दिलीप चाकोले, कौस्तुभ आवले, सोनू तिवारी, गोविंदा शेट्टी आदि शामिल हैं।