भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) के साथ नारामऊ का जंगल इन दिनों भटक कर आये तेंदुआ के लिए सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। आईआईटी के आसपास बार-बार तेंदुआ दिखाई दे रहा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है। ग्रामीण अपने जानवरों की विशेष देखभाल कर रहे हैं और झुंड में घरों से बाहर निकल रहे हैं। वहीं, रेस्क्यू में जुटी वन विभाग की टीम को वह बराबर चकमा दे रहा है।
आईआईटी के हवाई पट्टी में पहली बार 26 अक्टूबर की सुबह तेंदुआ देखा गया। इसके बाद 27 अक्टूबर की रात एनएसआई जा पहुंचा तो वहां भी लोग दहशत में आ गये। 29 अक्टूबर की रात फिर आईआईटी में लगे वन विभाग के सीसीटीवी कैमरे में तेंदुआ कैद हुआ। एक बार तो रेस्क्यू कर रही वन विभाग की टीम के सामने से निकल गया और टीम निशाना ही लगाती रह गई।
कुत्तों को बना रहे हैं शिकार
30 अक्टूबर की रात आईआईटी से सटे पेम गांव में तेंदुआ ने कुत्ते को निशाना बनाया। इससे आईआईटी और एनएसआई के साथ आसपास के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। लोग बच्चों को घरों से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं और अपने जानवरों की विशेष देखभाल कर रहे हैं। इसके साथ ही झुंड बनाकर ही निकल रहे हैं और रात में तो पूरी तरह से सन्नाटा पसर जाता है।
ग्रामीण कर रहे हैं जानवरों की सुरक्षा
कुरसौली गांव निवासी राजू, भूधर, सुरेश ने बताया कि तेंदुए के कारण उन्हें जानवरों की विशेष देखभाल करनी पड़ रही है। लाठी-डंडे लेकर कई लोगों के साथ खेतों की देखभाल कर रहे हैं। वहीं तेंदुआ आसपास के गांवों में शिकार को लेकर भटकते हुए पहुंच तो रहा है लेकिन आईआईटी के जंगल को ही अपना सुरक्षित ठिकाना बनाये हुए है।
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इन गांवों में अलर्ट जारी
डीएफओ श्रद्धा यादव ने 31 अक्टूबर को बताया कि पेम, बैरी, अकबरपुर, होरा कछार आदि गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। ड्रोन कैमरों की मदद से भी तेंदुए की तलाश की जा रही है। आईआईटी में देर रात एक बजे से तड़के चार बजे तक तेंदुआ हवाई पट्टी से लेकर पेट्रोल पंप तक घूमता दिखा और उसको पकड़ने के लिए छह पिंजरे और नौ इंफ्रारेड ट्रैपिंग कैमरे लगाए गये हैं।