जानिये, क्या है पत्राचाल घोटाला, जिस मामले में संजय राउत पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार !

पत्राचाल घोटाला तब शुरू हुआ, जब सरकार ने चाल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट देने की योजना बनाई।

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पत्राचाल गोरेगांव, मुंबई में स्थित है। यहां घोटाला तब शुरू हुआ, जब सरकार ने चाल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट देने की योजना बनाई। इसके लिए महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने एचडीआईएल के गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को ठेका दिया। गुरु आशीष कंपनी चाल में किराएदारों को 672 फ्लैट और एमएचडीए को 3000 फ्लैट देने वाली थी। यह घोटाला 1,034 करोड़ रुपये का है। 2010 में, प्रवीण राउत ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी में एचडीआईएल को 258 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी। उसके बाद 2011, 2012 और 2013 में भूखंड के कई हिस्सों को अन्य निजी डेवलपर्स को स्थानांतरित कर दिया गया।

क्या है पत्राचाल घोटाला?
राकेश वधावन गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक हैं। प्रवीण राउत शिवसेना सांसद संजय राऊत के करीबी हैं। प्रवीण राउत पर राकेश वधावन के साथ मिलकर पत्राचाल पुनर्विकास परियोजना में घोटाला करने का संदेह है। इस मामले में प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर रिहा कर दिया गया था। उसके बाद फिर 2 फरवरी 2022 को प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया गया। इस संबंध में की गई जांच में ईडी को शक है कि इस घोटाले के पैसे का इस्तेमाल अलीबाग में संपत्ति खरीदने के लिए किया गया। ईडी ने राउत को इस संबंध में पूछताछ के लिए तीन बार तलब किया था। लेकिन वे दो बार पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं हुए।

ईडी नौ फ्लैट कर चुकी है जब्त
ईडी पहले ही 9 फ्लैटों को जब्त कर चुकी है। इस साल अप्रैल महीने में ईडी ने इस मामले में अलीबाग में संजय राउत के 8 और मुंबई में एक फ्लैट को जब्त किया था। ईडी इस मामले में 11 करोड़ 15 लाख 56 हजार 573 रुपये की अचल संपत्ति जब्त कर चुकी है। गोरेगांव में पत्राचाल पुनर्विकास परियोजना में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2022 के तहत, यह कार्रवाई गुरु-आशीष कंस्ट्रक्शन्स द्वारा किए गए वित्तीय घोटाले के संबंध में की गई है। गुरु-आशीष कंस्ट्रक्शन के पूर्व निदेशक प्रवीण राउत के पास दादर में वर्षा राउत (संजय राउत की पत्नी) के फ्लैट और अलीबाग में समुद्र के किनारे के साथ-साथ वर्षा राउत और स्वप्ना पाटकर (सुजीत पाटकर की पत्नी) के स्वामित्व वाली जमीन है। अलीबाग में खरीदे गए प्लॉट की कीमत करीब 60 लाख बताई जा रही है। आरोप यह भी है कि स्थानीय लोगों को धमकाकर इन भूखंडों को कम कीमत पर खरीदा गया था।

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