जानिये यूरेनियम क्या है और कैसे आम जनजीवन के लिए है घातक?

परमाणु संयंत्रों में यूरोनियम का उपयोग किया जाता है। इसका प्रबल विरोध भी होता है। इसका कारण है कि यूरोनियम का रिसाव और वायुमंडल में उत्सर्जन की स्थिति में ये जीवन को प्रभावित करता है। इसके संपर्क में आने से पीढ़ियां पंगु पैदा होती हैं।

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यह एक श्वेत रंग की धातु है, जिसका संकेत यू और परमाणु संख्या 92 है। मिली जानकारी के अनुसार यह रेडियोधर्मी धातु है। जिसके एक ग्राम से तीन टन कोयले के बराबर ऊर्जा उत्पन्न होती है। जिसका उपयोग बिजली उत्पादन में किया जाता है।

यूरेनियम के परमाणुओं का विशेष प्रकार की भट्ठी में विस्फोट किया जाता है। जिससे अत्यंत ऊर्जा उत्पन्न होती है। जानकारों के अनुसार एक ग्राम यूरेनियम के विस्फोट से उत्पन्न ऊर्जा से किसी भी प्रदेश को एक सप्ताह तक बिजली वितरण किया जा सकता है।

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यूरेनियम का उपयोग

  • प्राचीन काल में यूरेनियम का उपयोग किया जाता था रंगीन कांच बनाने में
  • आइसोटॉप यूरेनियम-238 का उपयोग होता है आग्नेय चट्टानों की आयु परीक्षण में
  • यूरेनियम-238 से बनाया जाता है प्लूटोनियम
  • डेप्लेटेड यूरोनियम से बनता है टैंक का कवच
  • यूरोनियम का उपयोग परमाणु बम, मिसाइल, छोटे गोले और गोलियों के निर्माण में
  • यूरेनियम-235 का उपयोग परमाणु सयंत्रों में ईंधन के रुप में किया जाता है। इससे पानी को गर्म करके भाप निर्माण किया जाता है जिसका उपयोग होता है बिजली निर्माण में

रेडियोधर्मिता का जीवों पर दुष्परिणाम

  • प्राणियों के जीन एवं गुणसूत्रों पर दुष्प्रप्रभाव, आनुवांशिक प्रभाव से विकलांगता एवं अपंगता
  • संपर्क में आने पर हो सकता है कैंसर, त्वचा, खून की गुणवत्ता, हड्डियों में मौजूद मज्जा, सिर के बालों का झड़ना, शरीर में रक्त
  • रेडियोधर्मी प्रदूषण के कारण गर्भ में पल रहे शिशु की भी हो सकती है मौत
  • इसके प्रदूषण से पेड़ पौधों, जीव जन्तुओं, खाद्य सामग्री आदि पर प्रभाव
  • रेडियोधर्मी पदार्थ, स्रोतों के खनन के दौरान पर्यावरण में कर लेता है प्रवेश, जिससे रेडियोधर्मिता पेड़ पौधों एवं भोजन के द्वारा अन्य जीवों तक पहुँच कर खाद्य-शृंखला का हिस्सा बनती है। ये जल के स्रोतों तथा वायुमंडल में भी आसानी से कर लेती है प्रवेश

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पानी की गुणवत्ता
यह पानी को प्रदूषित कर देता है, जिससे जीवों को हानि पहुंचती है। रेडियोधर्मिता से प्रभावित जल उपयोग के लिए अनुपयोगी होता है। ऐसे जल के उपयोग से मानव में जन्म दोष, गर्भपात, कैंसर आदि होने की संभावना हो जाती है प्रबल, तापीय आघात से जलीय जीवों की भी होती है मौत

मिट्टी में प्रभाव
रेडियोधर्मिता से प्रदूषित मिट्टी में अंकुरित होनेवाले पौधे में ये प्रभाव छोड़ता है। ये पौधे के डीएनए को प्रभावित करता है। पौधे सूख जाते हैं। रेडियोधर्मी पौधों से निर्मित फल के प्रयोग से जीवों में स्वास्थ्य संबंधी उत्पन्न होते हैं विकार

वायुमंडल में दुष्परिणाम
यूरोनियम की रेडियोधर्मिता से वायुमंडल तब प्रभावित होता है जब परमाणु ईंधन से कार्यरत् सयंत्रो में दुर्घटनाएं होती हैं।

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