ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37वीं बरसी पर आतंकी संगठनों ने बड़ी चाल चलने की कोशिश की है। कनाडा, इग्लैंड और अमेरिका में बैठे सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान सेंटर जैसे संगठन के लोग इसे अमृतसर नरसंहार दिवस के रूप में मनाने के लिए स्थानीय सिख युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। इसके लिए पैसे का प्रलोभन भी दिया गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पिछले काई दिनो से खालिस्तानी खलनायकों के पोस्ट से भरा पड़ा है। इसमें मुख्य केंद्र की भूमिका निभा रहा है कनाडा के सरी में स्थित गुरुद्वारा साहिब दशमेश दरबार। जिसके पोर्टल पर जरनैल सिंह भिंडरावाले की मौत के दिन को शहीदी दिवस के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।
जनमत का नाम आतंकी काम
सिख फॉर जस्टिस पहले भी जनमत संग्रह कराने के नाम पर पंजाब के स्थानीय लोगों को भ्रमित करता रहा है। इसके बाद किसान यूनियनों के आंदोलन को इसने वैश्विक रूप से भारत को बदनाम करने के लिए उपयोग किया। इससे जुड़े चो धालीवाल और अनिता लाल जैसे लोगों ने रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग से टूलकिट और ट्विटर पर संदेश प्रेषित करवाए। अब इनकी साजिश 6 जून को अमृतसर नरसंहार दिवस के रूप में मनाने की है।
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अमृतसर के ज्ञानी जी को लिखा पत्र
सिख फॉर जस्टिस की अमेरिका की शाखा की ओर से आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक पत्र ज्ञानी हरप्रीत सिंह को लिखा है। जिसमें ऑपरेशन ब्लू स्टार को अमृतसर नरसंहार के रूप में घोषित करने की मांग की गई है। इस पत्र में संयुक्त राष्ट्र कानूनों का हवाला दिया गया है और पत्र के शुरुआत में ही कहा गया है कि सिख फॉर जस्टिस पंजाब को भारत से अलग खालिस्तान के रूप में जनमत संग्रह के माध्यम से मुक्त कराना चाहता है।
पुरस्कार की घोषणा, युवाओं को टीशर्ट पहनने को कहा
खालिस्तानी आतंकियों की मौत को शहीदी दिवस के रूप मनाने के लिए खालिस्तान सेंटर, खालिस्तान डॉट ओआरजी द्वारा पृथक खालिस्तान बनाने की आतंकी साजिश को पंथ की चासनी में लपेटकर पेश किया जा रहा है।
इसके लिए आतंकी संगठनों ने अमृतसर में अर्दास की घोषणा की है। युवाओं और किसानों से खालिस्तानी आतंकियों की फोटो वाले टी शर्ट पहनने को कहा गया है। इसके लिए सिख फॉर जस्टिस के आतंकियों ने ऑपरेशन ब्लू स्टार में भारतीय सेना का नेतृत्व करनेवाले योद्धाओं की जानकारी देनेवालों को 25 हजार अमेरिकी डॉलर देने का पुरस्कार भी घोषित किया है।
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इस गुरुद्वारे में नहीं जाते भारतीय
कनाडा के सरी में एयरपोर्ट के पास बने गुरुद्वारा साहिब दशमेश दरबार में भारतीय सिख नहीं जाते। इस गुरुद्वारे में खालिस्तान का समर्थन करनेवाले और भारत में आतंक को बढ़ावा देनेवाले सिख ही अरदास के लिए जाते हैं। यहां खालिस्तानी आतंकियों की फोटो, महिमामंडन करके लेख प्रस्तुत किये गए हैं। इस मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए धालीवाल, अनिता लाल, जगमीत सिंह, हरजीत सिंह सज्जन जैसे लोग लगे हुए हैं।
कनाडा में खालिस्तान की आवाज
हरजीत सिंह सज्जन, जगमीत सिंह, धालीवाल, अनिता लाल जैसे लोग लगातार प्रयास करते रहे हैं भारत के विरुद्ध। ये सभी भारत से भगोड़े हैं। जिन्हें न तो भारत से कोई लगाव है और न ही राष्ट्र प्रेम लेकिन अपने पंथ के नाम पर द्वेष फैलाकर पाकिस्तान जैसे शत्रुओं के इशारों पर नाचना इनका कर्तव्य बन गया है। इनका संबंध बब्बर खालसा, खालिस्तान कमांडो फोर्स से है।
ਜੀਓੁਣਾ ਅਣਖ ਨਾਲ ਮਰਨਾ ਧਰਮ ਲਈ ⚔️ pic.twitter.com/4JHMB9FbE0
— ਦੀਪ ਕੌਰ (@RollinInTheD33P) June 4, 2021
इग्लैंड की एक ऑर्गेनाइजेशन एनएसवाईएफ (नेशनल सिख यूथ फेडेरेशन) अपने ट्विटर और पोर्टल पर भिंडरावाले और अन्य आतंकी गतिविधियां करते हुए मारे गए लोगों की फोटो और भारत विरोधी संदेश प्रासरित कर रहा है।
स्थानीय अपराधियों को बढ़ावा
पंजाब में खालिस्तान की मांग के नाम पर आतंक को बढ़ावा देने के लिए सिख फॉर जस्टिस और अन्य संगठन विदेशों से बैठकर स्थानीय अपराधियों को धन मुहैया करा रहे हैं। इन अपराधियों के माध्यम से ही वे स्थानीय स्तर पर खालिस्तानी आतंक का विरोध करनेवालों को निशाना बनाने का षड्यंत्र रच रहे हैं।