जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ फारुक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे द्वारा की गई वह पहली हत्या थी। अब पीड़ित परिवार श्रीनगर सत्र न्यायालय में पहुंचा है। फिल्म The Kashmir Files के प्रदर्शन के बाद कश्मीरी हिंदुओं की भावनाएं फिर भड़की हैं, अपने सीने में 31 वर्षों से दर्द को दबाए सतीश टिक्कू के परिवार ने अब सत्र न्यायालय में याचिका दायर की है। जिसमें मांग की गई है कि, सतीश टिक्कू की हत्या के प्रकरण की पुनर्जांच की जाए।
फारुक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का मुखिया था। वह आतंकी गतिविधि में संलिप्त था, उसकी जेहादी मानसिकता जनवरी 1990 में स्पष्ट हो गई जब उसने अपने करीबी दोस्त सतीश टिक्कू को मौत के घाट उतार दिया। हिंदुओं के नरसंहार में आतंकी बिट्टा कराटे द्वारा की गई यह पहली हत्या थी। इस हत्या की कबूली बिट्टा ने वीडियो में की है। बिट्टा ने कुल 40 कश्मीरी हिंदुओं की हत्या वीडियो में स्वीकार की थी।
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तब खुलेगी फाइल
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने दिनांक 22 मार्च, 2022 को एक बयान दिया था कि, यदि आवश्यक हुआ तो हिंदुओं के नरसंहार की फाइलें फिर जांच के लिए खोली जा सकती हैं। फिल्म द कश्मीर फाइल्स में दर्शाए गए दृश्यों ने विभीषिका को स्मरण में पुनर्जीवित कर दिया है। इसके बाद बिट्टा के इस्लामी आतंकवाद से पीड़ित पहला परिवार न्यायालय की शरण में पहुंचा है।
परिवार ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट
सतीश टिक्कू के परिवार की ओर से श्रीनगर सत्र न्यायालय में प्रस्तुत हुए अधिवक्ता उत्सव बैंस ने आतंकी बिट्टा कराटे पर दर्ज सभी प्रकरण की वर्तमान स्थिति की जानकारी मांगी है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने यासिन मलिक, जावेद नलका समेत कई आतंकियों पर आपराधिक प्रकरण के अंतर्गत कार्रवाई की मांग की है।