सर्वोच्च न्यायालय कर्नाटक हिजाब केस पर अगले दो दिन में सुनवाई कर सकता है। 26 अप्रैल को वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष स्कूलों में हिजाब बैन को बरकरार रखने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई की मांग की। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि थोड़ा इंतजार कीजिए। हम 2 दिन में लिस्ट करने की कोशिश करेंगे।
कर्नाटक की दो छात्राओं ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। इस मामले में हिंदू सेना के नेता सुरजीत यादव ने भी कैविएट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक का एकतरफा आदेश न देने की मांग की है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को दी गई चुनौती
15 मार्च कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं कहते हुए शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध के सरकार के निर्णय को बरकरार रखा। हाईकोर्ट के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मत
हिजाब मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उलेमाओं की संस्था समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने भी याचिका दाखिल की है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय का फैसला इस्लामिक कानून की गलत व्याख्या है। मुस्लिम लड़कियों के लिए परिवार के बाहर सिर और गले को ढक कर रखना अनिवार्य है।