अभिनेत्री कंगना रनौत ने अब शिवसेना से अपनी जान को खतरा बताया है। अभिनेत्री और उनकी बहन ने सर्वोच्च न्यायालय में इस सिलसिले में एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने अपने ऊपर चल रहे तीन प्रकरणों को स्थानांतरित करने की मांग की है।
अभिनेता सुशांतसिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणियां की थी। इन टिप्पणियों पर आक्षेप लेते हुए उन पर अलग-अलग स्थानों पर तीन प्रकरण दर्ज करा दिये गए हैं। अब कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल ने इन मामलों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई है। कंगना ने अपनी याचिका में मांग की है कि उनके ऊपर चल रहे तीनों प्रकरणों की सुनवाई हिमाचल प्रदेश में स्थानांतरित किये जाएं।
याचिका में उल्लेख किया गया है कि, ‘याचिकाकर्ता की जान को खतरा हो सकता है यदि इन प्रकरणों की सुनवाई मुंबई में होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शिवसेना नेताओं द्वारा निजी हित के लिए निशाना बनाया जा रहा है।’
किन प्रकरणों का स्थानांतरण चाहती है अभिनेत्री?
1) कंगना के विरुद्ध अली आसिफ खान देशमुख ने अंधेरी मजिस्ट्रेट न्यायालय में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि कंगना के ट्वीट से हिंदू-मुस्लिमों के बीच सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
याचिकाकर्ता ने कंगना के उस ट्वीट का उदाहरण दिया है जिसमें मुंबई के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर जैसा होने का उल्लेख किया था। इसके अलावा आरोप है कि राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख को तालिबानी कहा गया था।
2) गीतकार जावेद अख्तर ने कंगना रनौत के विरुद्ध आपराधिक मानहानिक का प्रकरण दर्ज कराया था। उन्होंने अंधेरी मजिस्ट्रेट न्यायालय में दायर याचिका में आरोप लगाया है कि कंगना ने एक टीवी चैनल पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। यह अभिनेता सुशांतसिंह राजपूत की मौत के बाद हुआ था। इस संबंध में नवंबर 2020 में जावेद अख्तर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के अंतर्गत (मानहानि) प्रकरण दर्ज कराया है।
3) कास्टिंग डायरेक्टर मुनवर अली सय्यद ने कंगना और रंगोली चंदेल पर देशद्रोह का मामला दर्ज कराया है। जिसमें दोनों बहनों पर समाज में विद्वेश निर्माण का आरोप लगाया गया है। सय्यद ने आरोप लगाया है कि दोनों बहनों ने जानबूझकर घृणा उत्पन्न करनेवाले ट्वीट किये और महाराष्ट्र सरकार के विरुद्ध माहौल बनाने का प्रयत्न किया।
इसमें शिकायतकर्ता मुनवर अली ने उल्लेख किया है कि कंगना और उनकी बहनों ने पालघर में साधुओं की लिंचिंग, कार्यालय तोड़े जाने के बाद मुंबई मनपा को ‘बाबर सेना’ कहा था। कंगना ने अपने ट्वीट में लिखा था कि मुस्लिम प्रभुत्व वाली फिल्म इंडस्ट्री में वे पहली शख्स हैं जो छत्रपति शिवाजी महाराज और राणी लक्ष्मीबाई पर फिल्म बनाएंगी। इस मामले में दोनों बहनों पर भारतीय दंड विधान की धारा 153ए, 295ए, 124ए और 34
इस एफआईआर को रद्द करने की याचिका लेकर दोनों बहनें मुंबई उच्च न्यायालय में पहुंची हैं।