कानपुर में मजहबी पर्ची! मुस्लिम दुकानदार ऐसे कर रहे हैं धर्म का प्रचार

सामान्य तौर पर जब हम दुकान से कोई सामान खरीदते हैं तो उसके बिल पर दुकान का नाम, सामान और उसके मूल्य दर्ज होते हैं। लेकिन इन पर्चियों पर जिहादी भाषा की लिखी जा रही है। ऐसा मुस्लिम समुदाय के कुछ दुकानदार कर रहे हैं।

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कानपुर शहर के कई मुस्लिम व्यापारी बिल के माध्यम से इस्लाम धर्म का प्रचार कर रहे हैं। वे ग्राहकों को पर्ची पर धार्मिक संदेश लिखकर दे रहे हैं। फिलहाल इस तरह के कुछ मामले सामने आने के बाद पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।

सामान्य तौर पर जब हम दुकान से कोई सामान खरीदते हैं तो उसके बिल पर दुकान का नाम, सामान और उसके मूल्य दर्ज होते हैं। लेकिन इन पर्चियों पर जिहादी भाषा की लिखी जा रही है। ऐसा मुस्लिम समुदाय के कुछ दुकानदार कर रहे हैं।

पर्ची पर जिहादी भाषा
मीडिया को जो बिल हाथ लगे हैं, उन पर व्यापारिक प्रतिष्ठान के नाम की जगह पर मोबाइल नंबर लिखा गया है। इसके बाद सामान के बारे में जानकारी लिखी गई है। सबसे नीचे बड़-बड़े अक्षरों में लिखा गया है, ‘इस्लाम द ओनली सॉल्यूशन’,जिसका हिंदी में अर्थ होता है- ‘इस्लाम ही एकमात्र समाधान है’।

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वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ यह है मामला
इससे पहले इस भाषा का इस्तेमाल राज्य परिवहन निगम के चेयरमैन और कानपुर के पूर्व मंडल आयुक्त मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन किया करते थे। कानपुर में तैनात वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन एसआईटी की जांच में दोषी पाए गए हैं। एसआईटी ने तमाम सबूतो के साथ 19 अक्टूबर को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। 550 पेज की जांच रिपोर्ट में साहित्य और वीडियो के आपत्तिजनक कंटेट को सबूत के तौर पर शामिल किया गया है। अब शासन आगे की कार्रवाई तय करेगा। 26 सितंबर को तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इसमें इफ्तिखारुद्दीन तकरीरें करते दिखाई दे रहे थे। वहीं एक अन्य व्यक्ति धर्मांतरण की बातें कर रहा था। वीडियो वायरल होने के बाद शासन ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।

पर्ची सोशल मीडिया पर वायरल
फिलहाल यह पर्ची सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने इस बारे में बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है। कुछ संबंधित दुकानदारों की पहचान की गई है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल एआइयू को सतर्क कर इस तरह की जिहादी भाषा का इस्तेमाल करने वालों का पता लगाया जा रहा है।

कार्रवाई के डर से बंद कर दिए मोबाइल नंबर
बताया जा रहा है कि जिन दुकानों के मोबाइल नंबर पर्चियों पर लिखे गए हैं, उन्होंने जांच शुरू होने के बाद अपने मोबाइल नंबर बंद कर दिए हैं। वैसे एक पर्ची के बारे में जानकारी मिली है कि वह मेस्टन रोड स्थित रबड़ दुकानदार के प्रतिष्ठान की है।

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