इन्स्टा के इन ‘विष’ संदेशों पर कार्रवाई कब?

सोशल मीडिया का उपयोग भ्रामक और झूठी बातों को प्रसारित करने के लिए होता रहा है। हालांकि, इसके विरुद्ध कार्रवाइयां भी होती रही हैं लेकिन यह सिलसिला किसी न किसी रूप में चलता रहा है।

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युवा पीढ़ी में इन्स्टाग्राम का चलन बहुत है। कोई भी नई बात पहुंचानी हो तो लोग इस सोशल साइट का उपयोग धड़ल्ले से करते हैं। इस प्लेटफार्म का उपयोग करके अब कुछ लोग भ्रामक खबरें प्रसारित करने के लिए कर रहे हैं, जिससे सामाजिक विद्वेश की भावना फैल सकती है।

इन इन्स्टाग्राम ग्रुप को पढ़ें तो इसके पीछे के-2 यानी खालिस्तान और कश्मीर का पाकिस्तानी एजेंडा स्पष्ट हो रहा है। इसके माध्यम से ऑपरेशन ब्लू स्टार पर सरकार के कदम को अनुचित करार दिया गया है। इन्स्टाग्राम ग्रुप f_society.in ऐसा ही संदेश प्रसारित कर रहा है।

कोरोना की पहली लहर में भारत ने विदेशों को आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति की, आज दूसरी लहर में जब भारत के लोग अधिक संक्रमित हुए तो पूरा विश्व अपनी सहायता से अनुग्रहित होकर दवा, ऑक्सीजन आदि की आपूर्ति कर रहा है। परंतु, एक विशेष समाज के इन्स्टाग्राम ग्रुप से भारत के लिए अपशब्द का उपयोग किया गया है।

गाजियाबाज के लोनी में अब्दुल समद नामक व्यक्ति के साथ हुई मारपीट पर भले ही कार्रवाई करके उसके पीछे के षड्यंत्र का भंडाफोड़ हो गया हो लेकिन, इन्स्टाग्राम पर यह संदेश अब भी धड़ल्ले से प्रसारित किया जा रहा है। जबकि इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश ने ट्वीटर, पत्रकार और नेताओं के विरुद्ध गलत खबर प्रसारित करने का मामला भी दर्ज कराया है। परंतु, allah_deen_media जैसे ग्रुप अभी भी पुराने संदेश को प्रसारित कर रहे हैं।

इसी प्रकार दूसरा संदेश नरसिंहानंद पर है। इस संदेश में आरोप लगाया जा रहा है मुस्लिम नरसंहार का, परंतु देश शांत है और हिंदू शांत।

इसी प्रकार एक और इन्स्टा ग्रुप है unbiased.media यह मुसलमानों में विद्रोह की भावना उत्पन्न करने के संदेश लिख रहा है।

इन्स्टा ग्रुप यूजर allh_deen_media के संदेश मोदी विरोध से भरे पड़े हैं परंतु ये ग्रुप असंख्य बार झूठी और असत्यापित खबरों का प्रसारण भी करता रहा है। जैसा की इस संदेश में स्पष्ट हो रहा है।

इन्स्टाग्राम पर ऐसे कई ग्रुप हो सकते हैं जो झूठे और असत्यापित बातों से बड़े स्तर पर लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। इसके कारण जनसंख्या का वह भाग जो युवा आयु वर्ग का है या जिसके पास सत्यापित करने का कोई साधन नहीं है वह इससे बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। ऐसे में यदि यह ग्रुप अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को नहीं समझते हों तो इन पर कार्रवाई होने पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए।

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