Supreme Court: ऑपरेशन सिंदूर का अपमान! प्रोफेसर महमूदाबाद की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय क्या निर्णय लेगा?

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

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अशोका यूनिवर्सिटी (Ashoka University) के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (Associate Professor Ali Khan Mahmudabad) सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) पहुंच गए हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट (Controversial Post) किया था, जिसके बाद रविवार (18 मई) को उन्हें गिरफ्तार (Arrested) कर लिया गया। अली खान की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई (Chief Justice Bhushan Ramkrishna Gavai) के समक्ष मामला रखा। सीजेआई गवई ने एक-दो दिन में सुनवाई का आश्वासन दिया है।

बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई एक संयुक्त सैन्य कार्रवाई थी।

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आईपीसी की धाराओं के तहत गिरफ्तार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा में भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेरी ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग और महमूदाबाद की विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर महमूदाबाद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। प्रोफेसर महमूदाबाद को कथित तौर पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था, जो इच्छा और धार्मिक मान्यताओं का अपमान करने से संबंधित हैं। महमूदाबाद के खिलाफ लगाए गए आरोपों में से एक भारतीय दंड संहिता की धारा 152 है, जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने वाले कृत्यों को अपराध मानती है।

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