Infiltrator: दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस की एंटी नारकोटिक स्क्वॉड (एएनएस) ने एक संगठित बांग्लादेशी घुसपैठ नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसमें मास्टरमाइंड चांद मिंया समेत 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए लोगों में 6 बांग्लादेशी नागरिक और 5 भारतीय सहयोगी शामिल हैं, जबकि चेन्नई से 33 अन्य बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर दो एफआईआर दर्ज की गई हैं।
पुलिस के अनुसार दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने यह कार्रवाई इंस्पेक्टर विष्णु दत्त के नेतृत्व में की। ऑपरेशन दिल्ली पुलिस की अवैध प्रवासियों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाता है और दस्तावेज जालसाजी के खिलाफ एक सख्त संदेश देता है।
अवैध रूप से दाखिल
सूचना के आधार पर 12 मार्च को टीम ने तैमूर नगर से हाल ही में भारत में अवैध रूप से दाखिल हुए असलम उर्फ मसोम उर्फ महमूद को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि वह बांग्लादेश के नोआखली जिले का निवासी है और फर्जी आधार कार्ड रखता था। इसी से मामले की कड़ियाँ खुलीं और चांद मिया का नाम सामने आया। वह पिछले 10-12 वर्षों से बांग्लादेशियों की अवैध एंट्री कराने वाला मुख्य एजेंट है।
चांद मिया ने किया कबूल
चांद मिया बांग्लादेश के बागेरहाट जिले का निवासी है। उसने कबूला कि वह हर व्यक्ति से 20 हजार से 25 हजार रुपये लेकर उन्हें भारत लाता था। वह सीमावर्ती इलाकों – खासकर मेघालय और पश्चिम बंगाल के बेनापोल – के जरिए लोगों को लाता और फिर उन्हें दिल्ली, चेन्नई जैसे शहरों में बसाता था।
आपत्तिजनक सामग्री बरामद
कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 11 फर्जी आधार कार्ड, बांग्लादेशी आईडी दस्तावेज, कंप्यूटर, 4 हार्ड डिस्क, लैपटॉप, रंगीन प्रिंटर, फिंगरप्रिंट स्कैनर, नकली जाति और जन्म प्रमाण पत्र, 9 मोबाइल फोन और 19,170 रुपये नकद जब्त किए।
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मजदूरी, कचरा उठाने का करते थे काम
फर्जी पहचान पत्रों के जरिए ये लोग मजदूरी, कचरा उठाने और अन्य असंगठित क्षेत्रों में काम करते थे। दिल्ली के कई इलाकों के अलावा चेन्नई में भी बड़ी संख्या में घुसपैठिए सक्रिय पाए गए। पुलिस की विशेष टीम ने चेन्नई पुलिस के सहयोग से 33 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया है।