-ऋजुता लुकतुके
Indo- Pak Trade: पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादी हमला जिसमें 26 लोग मारे गए (26 people killed) इसके के बाद भारत (India) ने कड़े कूटनीतिक कदम उठाने शुरू कर दिए। और इसके एक भाग के रूप में, सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) के निलंबन की घोषणा के साथ ही अटारी-वाघा सीमा (Attari-Wagah border) से व्यापार को भी एकतरफा निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा भी रद्द कर दिए। भारत ने न केवल सीमा बंद करके रोका है, बल्कि भारत से पाकिस्तान को कुछ वस्तुओं का निर्यात भी रोक देगा। और पाकिस्तान पर किसी प्रकार की सर्जिकल स्ट्राइक होगी।
1.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात
क्योंकि, 2024 में भारत ने पाकिस्तान को 1.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया। यह पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक आंकड़ा था। भारत पाकिस्तान को विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां तथा दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ निर्यात करता है। इसमें आलू, प्याज और लहसुन शामिल हैं। इसके अलावा दालें, चना और बासमती चावल भी भारत से पाकिस्तान भेजे जाते हैं। इसके अलावा, आम और केले जैसे कई मौसमी फल पाकिस्तान और भारत से आयात किए जाते हैं।
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पाकिस्तान से भारत आयात
भारतीय चाय पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। असम और दार्जिलिंग से सुगंधित चाय की पत्तियां भी पाकिस्तान भेजी जाती हैं। इसके अलावा भारत पाकिस्तान को मिर्च, हल्दी और जीरा जैसे विभिन्न मसाले भेजता है। इसके साथ ही भारत से पाकिस्तान को निर्यात किए जाने वाले अन्य सामानों में जैविक रसायन, दवाइयां, चीनी और मिठाइयां शामिल हैं। पाकिस्तान से भारत आने वाले सामानों में सीमेंट, सेंधा नमक, मुल्तानी मिट्टी, कपास, चमड़ा और कुछ चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा, पेशावर चप्पल और लाहौरी कुर्ते भी पाकिस्तान से भारत आयात किए जाते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार
अमृतसर से सिर्फ 28 किलोमीटर दूर स्थित अटारी भारत का पहला स्थलीय बंदरगाह है। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से होता है, इसलिए 120 एकड़ में फैला और सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग-1 से जुड़ा यह चेक प्वाइंट व्यापार, विशेषकर अफगानिस्तान से आयात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पिछले कुछ वर्षों में अटारी-वाघा कॉरिडोर पर व्यापार में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। जहां 2017-18 और 2018-19 में यह व्यापार करीब 4100 से 4300 करोड़ रुपये का था। वहीं, 2019-20 में यह घटकर 2,772 करोड़ रुपये और 2020-21 में 2,639 करोड़ रुपये रह गया। वर्ष 2022-23 में व्यापार में और गिरावट आई और यह मात्र 2,257.55 करोड़ रुपये रह गया। 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार में भारी उछाल आया और यह 3,886 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। 2023-24 में 6,871 ट्रकों ने इस मार्ग से यात्रा की और 71,563 यात्रियों ने वाघा सीमा के माध्यम से यात्रा की।
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