नये स्ट्रेन का भारत में ‘गेम’!

आईएमसीआर ने ट्विट कर इस बारे में जानकारी देते हुए इसे भारत की बड़ी उपलब्धि बताई। उसने ट्विट में लिखा, 'ब्रिटेन से आए नए प्रकार के कोरोना स्ट्रेन को भारत ने सफतापूर्वक कल्चर किया है। कल्चर एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों में डेवलप किया जाता है।'

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भारत ने ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन को लेकर बड़ी सफलता हासिल की है। भारत उस स्ट्रेन को आइसोलेट करनेवाला पहला देश बन गया है। इसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद( आईएमसीआर) ने बड़ी सफलता बताई है। आईएमसीआर ने ट्विट कर इस बारे में जानकारी देते हुए इसे भारत की बड़ी उपलब्धि बताई। उसने ट्विट में लिखा, ‘ब्रिटेन से आए नए प्रकार के कोरोना स्ट्रेन को भारत ने सफतापूर्वक कल्चर किया है। कल्चर एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोशिकाओं को नियंत्रित परिस्थितियों में डेवलप किया जाता है।’

ये होंगे फायदे
आईसीएमआर का दावा है कि तेजी से वायरल हो रहे यूके म्यूटैंट स्ट्रेन को आइसोलेट कर उसका वैक्सीन पर असर की जांच की जा सकेगी और ये देखा जा सकेगा कि कोविड वैक्सीन इस स्ट्रेन पर कितनी असरकारक है? बताया गया है कि इसके नमूने ब्रिटेन से लौटे लोगों से एकत्र किए गए थे।

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29 लोगों को संक्रमित होने की पुष्टि
बता दें कि ब्रिटेन ने हाल ही में ये घोषणा की थी कि वहां लोगों में वायरस का एक नया स्ट्रेन पाया गया है। यह स्ट्रेन 70 फीसदी अधिक संक्रामक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 2 जनवरी तक सार्स कोव-2 के नए स्ट्रेन से कुल 29 लोगो के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

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दो वैक्सीन को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने की मंजूरी, पीएम ने दी बधाई
इस बीच एक्सपर्ट पैनल ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑप इंडिया ने कोरोना की दो वैक्सीन के इमरजेंसी में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। देश के लिए यह राहत की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए वैक्सीन निर्माण में जुटे वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा , ‘डीजीसीआई द्वारा भारतीय सीरम संस्थान और भारत बायोटेक के टीकों को मंजूरी दिए जाने के साथ कोविड-मुक्त भारत की दिशा में बढ़ने की गति तेज होगी। पीएम ने कोविड-19 के दो विभिन्न टीकों को डीसीजीआई द्वारा मंजूरी दिए जाने को महामारी से जंग में निर्णायक मोड़ बताया और वैज्ञानिकों को बधाई दी।

पीएम ने कहा- ‘गर्व की बात है’
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि हर भारतीय को इस पर गर्व होगा कि जिन दो टीकों को आपात काल में इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है, उहें भारत में ही बनया गया है। यह हमारे वैज्ञानिक समुदाय के उत्साह को दर्शाता है।

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