मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में आएंगे नए मेहमान

चीता प्रजाति को पुनर्जीवन देने के लिए भारत की ओर से सकारात्मक पहल की जा रही है। इसमें विदेश से इस प्रजाति को लाया जा रहा है।

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श्योपुर के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे। इन चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में बाड़े में छोड़ा गया था। अब इन चीतों की संख्या में बढ़ोतरी करने का निर्णय किया गया है। जिसमें दक्षिण अफ्रीका से लाए चीते जुड़ेंगे।

नामीबिया से चीते लाए जाने के बाद अब दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाने का करार हुआ है। भारत और दक्षिण अफ्रीका सरकार ने इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसके अंतर्गत अगले महीने तक 12 चीता लाए जाएंगे। इन्हें कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा जाएगा। भारत में चीता प्रजाति समाप्त हो चुकी है। इसे फिर भारत में स्थापित करने के लिए योजना बनी थी, जिसके लिए नामीबिया से चीते लाए गए थे। दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में बड़ी संख्या में चीता रहते हैं। सर्वेक्षण के अनुसार इनकी संख्या लगभग सात हजार के लगभग है। जिसमें से नामीबिया में सबसे अधिक चीता का निवास है।

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भारत से लुप्त हो गए चीते
देश में अतिम चीता 1948 में देखा गया था। इसके बाद से चीता नहीं था। हालांकि, इसके बाद प्रोजेक्ट टाइगर जैसी योजनाओं से टाइगर संरक्षण की योजनाए बनी, उनकी संख्या बढ़ोतरी में इसका सकारात्मक परिणाम भी दिखा। लेकिन वन्य संरक्षक चीता 70 वर्षों से भूल गए थे। देश में चीता लुप्त होने का कारण अंधाधुंध शिकार और उनके प्राकृतिक आवास में आई कमी को कारण माना जाता है।

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