आतंकी नजर कैसे न लगे? प्रशासन चुप, झोपड़ पट्टी दादा ने गुपचुप इस समुद्र में बना दी झोपड़ पट्टी

मुंबई शहर पाकिस्तानी आतंकियों का हमला झेल चुका है। इससे सुरक्षा को लेकर कोस्ट गार्ड, मुंबई पुलिस सक्रिय है। पुलिस का सागरी सुरक्षा दल है, परंतु समुद्र के अंदर खंभों पर खड़ी हो रही झोपड़पट्टी सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न खड़ा कर रही है।

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झोपड़ पट्टी को लेकर मुंबई की चर्चा सदा होती रही है। मायानगरी में झोपड़ियों की नई श्रृंखला समुद्र के अंदर तक फैल गई है। जो विधिवत लकड़ी और लोहे के खंभों पर खड़ी की गई हैं। इसे शहर के दक्षिण पूर्व में स्थित कौला बंदर में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इसके कारण अब मुद्दा उठने लगा है कि, आतंकी हमले झेल चुकी मुंबई को बुरी शक्तियों की नजर कैसे नहीं लगेगी, जब सुरक्षा को लेकर दिनोंदिन दिक्कतें खड़ी की जा रही हैं।

झोपड़ पट्टी दादा नामक एक आपराधिक प्रवृत्ति का उल्लेख मुंबई पुलिस के प्रत्येक पुलिस थाने में मिलता है। पिछले कुछ वर्षों में इसके नियंत्रित होने की सूचनाएं मिल रही थीं, लेकिन कौला बंदर को देखते हुए यह बिल्कुल नहीं कहा जा सकता है। यहां समुद्र के अंदर खंभों के सहारे झोपड़पट्टी बसाई गई है। इससे झोपड़पट्टी दादा की सक्रियता का अनुमान लगाया जा सकता है। जब झोपड़पट्टी दादा सक्रिय है तो इस भूमि की मालिक मुंबई पोर्ट ट्रस्ट क्यों आंखे मूंदे हुए है और पुलिस प्रशासन क्यों चुप है यह प्रश्न सबसे बड़ा है।

सुरक्षा पर खतरा
मुंबई के दक्षिण पूर्व हिस्से में कई बंदर (समुद्री किनारे जहां जहाज रुकते हैं) हैं, जिनसे मुंबई के दक्षिण पूर्वी किनारे पर स्थित सुरक्षा तंत्र गंभीर धोखे में है। शहर के पूर्वी तट पर स्थित भाभा परमाणु संयंत्र, दक्षिण पूर्वी तट पर स्थित मुंबई बंदरगाह और नौसेना के बंदरगाह हैं। इन सबके मध्य में बसी झोपड़पट्टी अब समुद्र को निगल रही है। यह इन सभी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को भी भेद सकती है, क्योंकि समुद्र के अंदर बनी झोपड़ियों में बैठा व्यक्ति आसानी से गतिविधियों को देख सकता है।

किसकी सहायता से झोपड़ी निर्माण
समुद्र के अंदर खंभों पर बनी झोपड़ियों में सभी सुविधाएं दी गई हैं। इनमें रहनेवाले लोग विभिन्न प्रदेशों से आनेवाले मजदूर वर्ग के लोग हैं। जिनके लिये पानी, बिजली और शौचायल की सुविधाएं भी दी गई है। ऐसे में प्रश्न यह भी है कि, इन झोपड़ी धारकों को किसकी सहायता से यह सब मिल रहा है।

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मुंबई पुलिस ने बीपीटी को ठहराया जिम्मेदार
मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (बीपीटी) के मालिकाना अधिकार क्षेत्र में बनी इन झोपड़ियों के निर्मूलन के विषय में पूछे जाने पर मुंबई पुलिस ने कहा है कि, यह बीपीटी की भूमि है। उन्हें कार्रवाई करना चाहिए, मुंबई पुलिस सुरक्षा को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है।

कौला बंदर का महत्व
यह मुंबई के दक्षिण पूर्व में स्थित समुद्री किनारा है। जहां विदेश से मालवाहक जहाज आते थे। यहां उनका माल खाली करने का कार्य होता था, जहाजों में सबसे अधिक कौला का माल होता था, जिसके कारण इस बंदरगाह का नाम कौला बंदर पड़ गया।

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