GORKHNATHTEMPLE यूट्यूब से बना कट्टरवादी, हमलावर अहमद की वह डिग्री बनी काल? – देखें वीडियो

आतंकी गतिविधियों के लिए वैश्विक आतंकी सगठन भी इंजीनियरिंग शिक्षित युवाओं को चाहते हैं। जिससे तकनीकी रूप से उच्च क्षमता के आतंकी हमले किये जा सकें।

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गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हमले का प्रयत्न करनेवाले मुर्तजा अहमद अब्बासी के बारे में पूरी जानकारी सुरक्षा एजेंसियों ने खंगाल ली है। वह गोरखपुर सिविल लाइन्स का ही रहनेवाला है। अभी तक की जानकरी के अनुसार मुर्तजा यूट्यूब से कट्टरवादी बन गया है। सुरक्षा एजेंसियां की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि, मुर्तजा किससे प्रेरित था, परंतु पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए एक बात स्पष्ट है कि आतंकी संगठन भारतीय मुसलमानों के उच्च शिक्षित और इंजीनियरिंग कर चुके युवाओं को नियुक्त करती रहे हैं।

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ऐसा है मुर्तजा का रिकॉर्ड

  • मुर्तजा अहमद अब्बासी 2015 में आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियर
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज में की थी नौकरी
  • एस्सार पेट्रोकेमिकल में नौकरी
  • पिता मोहम्मद मुनीर हैं कानूनी सलाहकार
  • चाचा डॉक्टर और अब्बासी अस्पताल के हैं मालिक
  • यूट्यूब से रेडिकलाइज होने की जानकारी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं। इस मंदिर में मुर्तजा अहमद अब्बासी नामक शख्स ने हमला किया था। इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच एंटी टेरोरिज्म स्क्वॉड (एटीएस) को दी गई थी, परंतु अब जानकारी मिल रही है कि, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी इस प्रकरण की जांच करेगी।

ये शिक्षित होकर बने इस्लामी जिहादी

  • हैदराबाद का तालमीजुर रहमान अमेरिका के कोलिन कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई, वह घर लौटा था और 2014 में मुंबई से इस्तांबुल गया और आईएसआईएस में जुड़ गया।
  • रांची का सैयद मुहम्मद अर्शियां हैदर अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी में पढ़ा है, वह इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियर है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सैयद ने इस्लामिक स्टेट के सुसाइड ड्रोन सिस्टम को विकसित कने में सहायता की थी।
  • फयाज वाडा नामक श्रीनगर का निवासी ब्रिसस्बेन से एमबीए करने के बाद इस्लामिक स्टेट से जुड़ गया। ऐसा आरोप है कि फयाज को ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाले हमदी अलकुदसी ने नियुक्त किया था।

एक अंग्रेजी समाचार पत्र के अनुसार लगभग पकड़े गए या जिनकी काउंन्सिलिंग की गई, ऐसे कुल लोगों में से 70 प्रतिशत लोग मध्यम या उच्च मध्यम वर्ग से थे, जबकि इनमें से 23 प्रतिशत उच्च शिक्षित थे।

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