जानिये, यहां के हिंदू क्यों कर रहे हैं अपने क्षेत्र में डिस्टर्ब एरिया एक्ट को कड़ाई से लागू करने की मांग!

भरुच जिले के सोनी फलिया के निवासियों ने इलाके में मुसलमानों की बढ़ती आबादी और डिस्टर्ब एरिया एक्ट ठीक से लागू नहीं किए जाने के विरोध में अपने घरों के बाहर 'मकान बिकाऊ है' का पोस्टर लगाया था।

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गुजरात के भरुच जिले में हिंदुओं पर घर बेचने के लिए दबाव बनाने के मामले का पर्दाफाश हुआ है। उन्हें विदेशों से कॉल और मैसेज आ रहे हैं। मैसेज करने वाले खुद को मुसलमान बता रहे हैं और भरुच के लोगों को घर बेचने पर मुंहमांगी कीमत देने का लालच दे रहे हैं।

भरुच जिले के सोनी फलिया निवासियों का कहना है कि विदेशों से फोन करने वाले खुद को मुस्लिम बताते हैं और घर की वास्तविक कीमत से अधिक पैसे देने का लालच देते हैं। वे 75 लाख के मकान को एक करोड़ रुपए तक देने को तैयार हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह हिंदुओं को वहां से भगाने का षड्यंत्र है। बताया जा रहा है कि जिन घरों पर ‘घर बिकाऊ है’ का पोस्टर लगाया गया है, उन्हें इस तरह के कॉल और मैसेज बार-बार आ रहे हैं।

मुसलमानों की बढ़ती आबादी से चिंतित
सोनी फलिया के निवासियों ने इलाके में मुसलमानों की बढ़ती आबादी और डिस्टर्ब एरिया एक्ट ठीक से लागू नहीं किए जाने के विरोध में अपने घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ का पोस्टर लगाया था। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर बिना देखे कोई उनके मकान की कीमत लगा रहा है तो निश्चित रुप से यह कोई बड़ा षड्यंत्र है। फोन करने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि अगर लोग तैयार हों तो वे एरिया के सभी मकान खरीदने को तैयार हैं।

इसलिए लगाया था ऐसा पोस्टर
स्थानीय निवासियों का कहना है कि ‘मकान बिकाऊ है’ का पोस्टर उन्होंने डिस्टर्ब एरिया एक्ट लागू करने की मांग को लेकर लगाया है। इससे पहले भी वे यह मांग कई बार सरकार से कर चुके हैं। लेकिन प्रशासन ने इस तरफ कोई ध्यान देना जरुरी नहीं समझा। अब वे विदेशों से आ रहे फोन और मैसेज आने से डरे हुए हैं। स्थानीय निवासियों को शक है कि यह यहां से हिंदुओं को हटाने की बड़ी साजिश हो सकती है।

धर्मांतरण रैकेट सक्रिय
बताया यह भी जाता है कि उत्तर प्रदेश के बाद गुजरात के भरुच के कांकरिया गांव में बड़े पैमाने पर हिंदुओं को मुललमान बनाया जा रहा है। वहां धर्मांतरण रैकेट के सक्रिय होने का भी दावा स्थानीय लोग कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस में केस भी दर्ज हो चुके हैं। यहां लोगों को पैसा, रोजगार और शादी कराने का लालच देकर मुसलमान बनाया गया था।

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एक्ट को ठीक से लागू नहीं किए जाने का आरोप
इलाके ले लोगों का कहना है कि यहां डिस्टर्ब एरिया एक्ट को ठीक से लागू नहीं किए जाने के कारण इस तरह की समस्या बढ़ गई है। इसकी शिकायत प्रशासन से कई बार करने के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया गया। इसके चलते ही अब विदेशों से फोन कर उन पर घर बेचने का दबाव बनाया जा रहा है। फोन करने वाला व्यक्ति अपना नाम नहीं बताता है और कहता है कि जब तुम्हें मुंहमांगी कीमत दे रहा हूं तो तुम्हें घर बेचने में क्या समस्या है।

क्या है डिस्टर्ब एरिया एक्ट?
जिला प्रशासन उन स्थानों की पहचान करता है, जहां आबादी असंतुलन तेजी से बढ़ रहा है। उसके बाद वह वहां सांप्रदायिक सौहार्द बनी रहे, इसके लिए जमीनों की खरीद आदि प्रक्रिया को जटील बनाता है। इसके बाद कोई भी व्यक्ति आसानी से अपनी जमीन नहीं बेच सकता। इसके साथ ही जमीन बेचने वाले व्यक्ति को यह लिखकर भी देना पड़ता है कि उस पर जमीन बेचने के लिए किसी प्रकार का दबाव नहीं है।

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