Bangladeshi Hindus: बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म, हिंदू त्योहारों पर लगाए जा रहा प्रतिबंध

बांग्लादेश की जनसांख्यिकीय संरचना को देखें तो यह एक बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक देश है, जिसमें हिंदू एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक धार्मिक समूह हैं। राजनीतिक अस्थिरता और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं।

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– अमन दुबे

पाकिस्तान (Pakistan) में हिंदुओं (Hindus) पर हो रहे अत्याचार किसी से छिपी नहीं हैं। अब शेख हसीना (Sheikh Hasina) के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश (Bangladesh) में भी हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। इस देश में मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) की सरकार आने के बाद हिंदुओं पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब हिंदुओं को नौकरियों से निकाला जा रहा है और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। साथ ही हिंदुओं के घरों पर भी हमले हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की अपील का असर नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति और खराब हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था। लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है।

हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़े हमले
बांग्लादेश की जनसांख्यिकीय संरचना को देखें तो यह एक बहु-धार्मिक और बहु-सांस्कृतिक देश है, जिसमें हिंदू एक महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक धार्मिक समूह हैं। राजनीतिक अस्थिरता और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं। इस हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यवसायों को नुकसान पहुंचा है। रिपोर्टों के अनुसार, अब तक इस हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश हिंदू हैं। यह हिंसा तब भड़की, जब प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़ दिया।

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हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध
हाल ही में अंतरिम सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान हिंदुओं के धार्मिक अनुष्ठानों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। सरकार की ओर से जारी नए आदेश के अनुसार, 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच अजान और नमाज के समय हिंदुओं को पूजा और कीर्तन करने से रोका गया है। इस दौरान लाउडस्पीकर पर भजन और कीर्तन बजाने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार के इस नए ऐलान से हिंदू समुदाय में नाराजगी फैलने की संभावना है। बता दें कि अब तक 300 से ज्यादा हिंदू परिवारों पर हमले हो चुके हैं और कई मंदिरों में तोड़फोड़ तथा आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं।

नियम का उल्लंघन करने पर चेतावनी
सरकार के गृह मामलों के सलाहकार रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने साफ कर दिया है कि अगर कोई हिंदू इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया तो उसे बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस आदेश के तहत दुर्गा पूजा पंडालों की समितियों को निर्देश दिया गया है कि वे अजान से 5 मिनट पहले सभी धार्मिक गतिविधियों को रोक दें और इसका सख्ती से पालन करें।

नरक बन गया है हिंदुओं का जीवन!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के 27 जिलों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की गई है। ढाका में इस्कॉन मंदिर को दंगाइयों ने जला दिया। काली मंदिर को भी निशाना बनाया गया। हर शहर में हिंदू मंदिरों और हिंदू नेताओं पर हमले हो रहे हैं। 2 हिंदू पार्षदों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं हो रही हैं। हिंदुओं की संपत्ति को चुन-चुनकर नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि वे अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में सम्मान और सुरक्षा का अनुभव कर सकें।

वर्ष दर वर्ष घट रही है आबादी
वर्तमान में बांग्लादेश में 91 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है, और 8 प्रतिशत से भी कम हिंदू हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं है कि हिंदू केवल 8 प्रतिशत के आसपास हैं, चिंता की बात यह है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी साल दर साल कम होती जा रही है। 1971 में बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या 13.5 प्रतिशत थी, 1991 तक यह आंकड़ा 10 प्रतिशत के आसपास पहुंच गया और अब यह 8 प्रतिशत से नीचे चला गया है।

हिंदुओं की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए मोहम्मद यूनुस सरकार को अल्पसंख्यकों पर हमलों में शामिल लोगों के मुकदमे में तेजी लाने के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण का गठन करना होगा और अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग की स्थापना करनी होगी। इसमें हिंदुओं पर सभी प्रकार के हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाना और उन्हें लागू करना होगा।

निशाने पर हिंदू
बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के लिए एक महीने पहले शुरू हुआ आंदोलन धीरे-धीरे व्यापक होता गया। यह आंदोलन हिंसा में बदल गया। सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा समझ में आता है। लेकिन इस सब में सिर्फ अल्पसंख्यक हिंदुओं को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है? जिस तरह से हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है, उससे लगता है कि यह एक सोची-समझी साजिश है। आंदोलन की आड़ में कट्टरपंथियों को मौका मिल गया है और वे हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। (Bangladeshi Hindus)

देखें यह वीडियो – 

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