Mumbai: हिंदू जनजागृति समिति ने पहलगाम आतंकी हमले पर सैन्य कार्रवाई की मांग की

इस आंदोलन में हिन्दू जनजागृति समिति के प्रतिनिधि समेत व्रज दल, मानव सेवा संघ, दादर व्यापारी संघ, भूमिपुत्र संघटना, हिन्दू राष्ट्रसेना, भाजप, सनातन संस्था सहित राष्ट्रप्रेमी नागरिकों ने उत्स्फूर्त रूप से सहभाग लिया।

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उरी, पठानकोट, पुलवामा आदि आतंकवादी हमलों (Terrorist Attacks) का सख्त जवाब दिए जाने के बावजूद ऐसे हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। कश्मीर (Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में हुआ भयावह आतंकवादी हमला इस बात को पुनः स्पष्ट करता है। यहां आतंकवादियों ने भारतीय पर्यटकों की धर्म पूछकर 28 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। इनमें एक नवविवाहिता के सामने ही उसके पति की हत्या की गई। यह घटना आतंकवादियों की न केवल क्रूरता को दर्शाती है, बल्कि भारत की संप्रभुता और हिंदू समाज पर हुआ सीधा आक्रमण है। यह जिहादी हमला कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार की ही अगली कड़ी है। केवल इसकी निंदा करना पर्याप्त नहीं है, भारत सरकार को चाहिए कि जिहादी आतंकवादियों और उनके भारत में छिपे सहयोगियों पर ऐसी कठोर सैन्य कार्रवाई करे कि वह जीवन भर याद रहे। ऐसी मांग हिंदू जनजागृति समिति ने दादर (प) रेलवे स्टेशन के पास किए गए आंदोलन के माध्यम से की है।

इस आंदोलन में हिन्दू जनजागृति समिति के प्रतिनिधि समेत व्रज दल, मानव सेवा संघ, दादर व्यापारी संघ, भूमिपुत्र संघटना, हिन्दू राष्ट्रसेना, भाजप, सनातन संस्था सहित राष्ट्रप्रेमी नागरिकों ने उत्स्फूर्त रूप से सहभाग लिया।

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इस हमले में मारे गए 28 पर्यटक देश के विभिन्न राज्यों से थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आतंकवादियों का उद्देश्य पूरे देश में भय फैलाना था। हत्या के जो वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई हैं, वे इतनी क्रूर हैं कि मानवता को भी शर्मसार कर दें। पिछले कुछ समय से हिंदू व्यापारियों, कर्मचारियों और कश्मीरी हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर को भारतीय संविधान के दायरे में लाया, चुनाव कराए, विकास के प्रयास किए; फिर भी जिहादी आतंकवादी गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रहीं। साथ ही, ऐसे घातक हमले स्थानीय लोगों की सहभागिता के बिना संभव नहीं हो सकते। वर्ष 1990 में 90 हजार हिंदुओं की हत्या और साढ़े चार लाख कश्मीरी हिंदुओं का बलात् पलायन इसी प्रकार से हुआ था। अब ये हमले उसी षड्यंत्र का अगला चरण हैं। इसलिए, इस हमले में किन संगठनों, नेताओं या जिहादी आतंकवादियों की सहभागिता है, इसकी गहन जांच कर उनके विरुद्ध आतंकवाद विरोधी कानूनों के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई कर उन्हें स्थायी सबक सिखाना चाहिए। ऐसी मांग समिति ने की है।

कश्मीर घाटी में व्यापक “कॉम्बिंग ऑपरेशन” चलाकर आतंकवादियों का सफाया किया जाए, और जिन क्षेत्रों से बार-बार आतंकी हमले हो रहे हैं, वहां स्थायी सैन्य ठिकाने बनाए जाएं। कश्मीर में शेष बचे हिंदू पर्यटकों, व्यवसायियों और पंडितों की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा योजना लागू की जाए। ऐसी मांगें भी इस अवसर पर प्रस्तुत की गईं। (Mumbai)

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