लैंड जिहाद! ‘गद्दी’ हिंदुओं पर मुस्लिमों का हमला, महिलाओं पर क्रूरता वीडियो में कैद

गद्दी हिंदू का प्राचीन इतिहास रहा है। इन पर पहले मुगलों का आक्रमण होता रहा है, जम्मू संभाग में ये पीढ़ियों से निवास करते हैं।

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जम्मू के रामबन में पीढ़ियों से रहनेवाले गद्दी हिंदुओं पर क्रूरता से हमला हुआ है। इसके पीछे बकरियां चराने का विवाद बताया जा रहा है, जबकि इक्कजुट्ट जम्मू ने इस हमले का वीडियो जारी करते हुए इसे लैंड जिहाद से जोड़ा है। हमले में 12 लोग घायल हुए हैं।

पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीढ़ियों से रहनेवाले हिन्दू परिवार (गद्दी हिंदू) बकरियां चराने के लिए सनासर गए हुए थे कि, अचानक से कुछ मुसलमान गुज्जरों ने हिंदुओं पर लाठियों से हमला कर दिया, जिससे भागदौड़ मच गई। इस हमले में 12 हिंदू घायल हुए हैं, घायलों में अधिकतर महिलाएं हैं। बटोत पुलिस ने इस घटना की जानकारी मिलते ही सनासर पहुंचे और घायलों को बटोत अस्पताल में भर्ती करवाया। इस बीच हमलावर फरार हैं। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।

ये है लैंड जिहाद

पिछले चार वर्षों से मुसलमान गुज्जर जम्मू के गद्दी हिंदुओं पर हमला कर रहे हैं। यह लैंड जिहाद का प्रकरण है। हमलावर श्रीनगर से यहां आते हैं और भूमि कब्जा करते रहे हैं। गद्दी हिंदू अपनी जमीन पर थे, इसलिए बकरी चराने को लेकर विवाद का कोई अर्थ ही नहीं है। मुसलमान गुज्जर श्रीनगर से हैं, खानाबदोश जैसे रहते हैं। जम्मू संभाग में गोकशी, तस्करी जैसे कार्यों में संलिप्त हैं। जम्मू से श्रीनगर तक अवैध मालों को पहुंचाने का कार्य ये करते रहे हैं। अब इन कार्यों से पैसे कमा लिये हैं। सरकार भी इनकी समर्थक रही है।
अंकुर शर्मा – अध्यक्ष, इक्कजुट्ट जम्मू

घायलों के नाम
इस घटना में घायल हुए लोगों की पहचान रंजीत सिंह पुत्र परस राम, प्यार चंद पुत्र चूडू, रतन चंद पुत्र मीर चंद, शीला देवी पत्नी शंकरू, गीता देवी पत्नी रतन चंद, दर्शना देवी पत्नी तारा चंद, चंचला देवी पत्नी गेग राम, नीशा देवी पत्नी कुलदीप सिंह, रानू देवी पत्नी कपूर चंद, चंचला देवी पत्नी तुलसी राम, अर्जुन शर्मा पुत्र बंसी लाल, कांता देवी पत्नी बंसी लाल सभी निवासी सनासर के रूप में की गई है।

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फिर मुसलमानों के निशाने पर गद्दी हिंदू
गद्दी समाज भारत के प्राचीन हिंदू हैं, जो चरवाही के कार्य में रहे हैं। ये जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में अधिक हैं। यह समाज राजस्थान के गढ़वी शासकों का वंशज माना जाता है। जब मुगलों का राजस्थान में आक्रमण हुआ तो इस समाज ने सदियों पहले हिमालय के तराई क्षेत्र में अपना निवास कर लिया।

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