शरजील इमाम को जेल या बेल? दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई

चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया। इसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई।

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दिल्ली उच्च न्यायालय के जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता की बेंच 26 जुलाई को दिल्ली हिंसा के आरोपी शरजील इमाम की जामिया इलाके में 2019 में दिए गए भाषण के मामले में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 01 जून को सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा था कि आरोपित जनवरी 2020 से जेल में बंद है। ये राजद्रोह का मामला है और सुप्रीम कोर्ट राजद्रोह के मामले में रोक लगा चुकी है।

इस तरह चली अब तक की सुनवाई
-कड़कड़डूमा कोर्ट ने 11 अप्रैल को शरजील की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 24 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कड़कड़डूममा कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।

-चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया। इसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई। इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया कि उनकी नागरिकता चली जाएगी और डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था।

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