मुंबई सत्र न्यायालय की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने मनी लॉड्रिंग मामले में राकांपा नेता नवाब मलिक की जमानत अर्जी पर सुनवाई 14 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। इस मामले में कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नवाब मलिक के निजी अस्पताल में इलाज के संबंध में अलग से आवेदन देने का निर्देश दिया है।
विशेष कोर्ट में ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि नवाब मलिक जांच के दौरान अब तक दो बार अपना जवाब बदल चुके हैं। ईडी ने 6 सितंबर को आरोप लगाया है कि मलिक ने बिना किसी सत्यापन के मुनीर पटेल से ली गई जमीन नहीं खरीदी थी। अनिल सिंह ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मुनीर पटेल ने पावर ऑफ अटॉर्नी पर हस्ताक्षर किए या नहीं। मुनीर पटेल ने हस्ताक्षर करने के सभी आरोपों से इनकार किया है। ईडी की ओर से यह सवाल भी उठाया गया है कि नवाब मलिक ने बिना कोई जानकारी लिए जमीन कैसे खरीदी। नवाब मलिक का पिछले कई दिनों से एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। हालांकि, अदालत को यह निर्धारित करने के लिए एक समिति का गठन करना चाहिए कि क्या नवाब मलिक को वास्तव में अभी भी इलाज की आवश्यकता है या नहीं।
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14 सितंबर तक स्थगित
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने 6 सितंबर को बॉम्बे सत्र न्यायालय के विशेष पीएमएलए कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि ईडी को इस समिति की रिपोर्ट के बाद एक निजी अस्पताल में नवाब मलिक का इलाज करने की आवश्यकता होने पर कोई आपत्ति नहीं है। न्यायाधीश राहुल रोकड़े ने कहा कि ईडी को इस संबंध में लिखित आवेदन देना चाहिए। कोर्ट ने ईडी से कहा है कि जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद विस्तार से सुनवाई की जाएगी। मलिक ने संपत्ति के लिए गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर को भुगतान किया। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 14 सितंबर तक स्थगित कर दिया।
कितने पन्नों का है आरोप पत्र
दरअसल नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। वर्तमान में, वह न्यायिक हिरासत में है और ईडी ने उसके खिलाफ एक विशेष अदालत में 5,000 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया है। फिलहाल नवाब मलिक का कुर्ला के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
नवाब मलिक की गिरफ्तारी अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के परिवार से जमीन की खरीद से जुड़ी है। मलिक पर आरोप है कि उसने अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से कुर्ला के गोवा कंपाऊंड में 3 एकड़ जमीन खरीदा था। जांच एजेंसी के मुताबिक इस जमीन की मौजूदा कीमत करीब 300 करोड़ रुपए है। इस मामले में जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है।