सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच 19 जुलाई (मंगलवार) तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी की याचिका पर सुनवाई करेगी। 17 मई को कोर्ट ने अभिषेक बनर्जी और रुजिरा को अंतरिम राहत देते हुए ईडी से दोनों से फिलहाल कोलकाता में पूछताछ के लिए कहा था।
पश्चिम बंगाल सरकार को ईडी को सहयोग करने का निर्देश
साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को ईडी को सहयोग करने का निर्देश दिया था। 12 मई को कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि वह बनर्जी दंपति से कोलकाता में पूछताछ क्यों नहीं कर सकती है। वह अभी अभियुक्त नहीं हैं और महज गवाह हैं। उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाने का कोई औचित्य नहीं है। अगर ईडी के अधिकारियों को सुरक्षा का डर है तो कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार को उनकी सुरक्षा का निर्देश दे सकता है।
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उच्च न्यायालय कोर्ट से खारिज करने का फैसला
अभिषेक और रुजिरा ने ईडी के समन के खिलाफ दायर याचिका को उच्च न्यायालय कोर्ट से खारिज करने के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि रुजिरा ने समन को जानबूझकर नजरअंदाज नहीं किया। वो कोलकाता में जांच में शामिल होना चाहती थी। सर्वोच्च न्यायालय में तय हो कि क्या ईडी का क्षेत्राधिकार पूरे देशभर में है और वो किसी भी व्यक्ति को समन जारी कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि 30 सितंबर, 2021 को ईडी की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने रुजिरा बनर्जी को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। ईडी ने कहा था कि रुजिरा बनर्जी के खिलाफ वारंट जारी किया जाए। वो कोयला घोटाले में पूछताछ के लिए पेश नहीं हो रही हैं।
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